मूंगफली की खेती कमाई के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद है. लेकिन इसकी खेती से पहले जरूरी है कि किसान इसकी खेती करने का सही समय और सही किस्मों का चुनाव करें. बता दें कि मूंगफली की कुछ ऐसा किस्में हैं जिनकी खेती करने से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. मूंगफली तिलहानी फसलों में प्रमुख फसल है. बाजार में इसकी मांग सालभर रहती है. तो चलिए बात कर लेते हैं मूंगफली की इन 5 किस्मों की जनकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है.
गंगापुरी
मूंगफली की इस किस्म की खेती करने से कम समय में ज्यादा उत्पादन होता है. इसके पौधे की ऊंचाई करीब डेढ़ फीट होती है. पौधे की पत्तिया गहरी हरी और तना बैंगनी रंग का होता है. इसकी बुवाई के 95 से 100 दिनों बाद ही ये खुदाई के लिए तैयार हो जाती है. बता दें कि गंगापुरी किस्म की प्रति हेक्टेयर फसल में करीब 20 से 22 क्विंटल का उत्पादन होता है. इसकी खेती से किसान प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये तक कमा सकते हैं.
नंबर 13
अगर आपके खेत की मिट्टी रेतीली है तो आप इसमें मूंगफली की किस्म नंबर 13 की बुवाई कर सकते हैं. इसकी खेती से भी किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसकी फसल लगाने के 125 से 130 दिनों में फलियां खुदाई के लिए तैयार हो जाती हैं. बात करें इसके उत्पादन की तो प्रति हेक्टेयर फसल से करीब 12 क्विंटल उत्पादन होता है.
आरजे 382
मूंगफली की यह किस्म अच्छी पैदावार देने वाली किस्मों में से एक है. इसकी खेती की लागत करीब 1 से 2 लाख रुपये हो सकती है. लेकिन बाजार में इसकी कीमत के अनुसार किसान इसकी फसल तैयार होने के बाद 5 से 6 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं. आरजे 382 की प्रति हेक्टेयर खेती से किसान करीब 40 हजार रुपये कमा सकते हैं.
एम ए – 10
मूंगफली की इस किस्म को उत्तर प्रदेश में चित्रा के नाम से भी जाना जाता है. इस किस्म के पौधे सामान्य ऊंचाई के पाए जाते हैं. इनकी पत्तियां हरे रंग की और फूल पीले रंग के होते हैं. इस किस्म की फसल की बुवाई के करीब 125 से 130 दिन बाद फलियां खुदाई के लिए तैयार हो जाती हैं. इसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन 25 से 30 क्विंटल के बीच पाया जाता है. इसके दानों में तेल की मात्रा 48 प्रतिशत के आसपास पाई जाती है.
सी 501
मूंगफली की यह किस्म अपनी अच्छी गुणवत्ता और उपज के लिए जानी जाती है. इसकी खेती से भी किसानों का अच्छा मुनाफा हो सकता है. बात करें इसकी पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से करीब 20 से 25 क्विंटल उत्पादन होता है. इसकी खेती से किसानों को लगभग 25 से 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का मुनाफा हो सकता है.