बारिश के मौसम में सड़ सकती है आपकी फसल, स्टोर करने से पहले इन बातों का रखें खयाल

मॉनसून सीजन में खेती करने समय किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे सही और उन्नत क्वालिटी की किस्मों का चुनाव करें. ऐसी किस्में जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो और जो ज्यादा पानी में भी खुद को सुरक्षित रख सकें.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 8 Jul, 2025 | 10:14 PM

देश में मॉनसून की एंट्री होते ही किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर दी है, कुछ किसान तो ऐसे है जा फसलों की बुवाई कर चुके हैं. पिछले सालों के मुकाबले इस बार अच्छी बारिश होने के चलते किसानों को बेहतर और उन्नत क्वालिटी के उत्पादन की उम्मीद है. लेकिन इसके साथ ही भरी बारिश किसानों के लिए चिंता का विषय भी बनी हुई है. ऐसा इसलिए है क्यूंकि बारिश के मौसम में फसलें बढ़ती तो हैं लेकिन उन्हें काफी देखभाल की जरूरत भी होती है, ताकि बारिश के फसल बर्बाद न हो जाए. बारिश के मौसम में फसलों का सड़ जाना बहुत ही आम बात है. ऐसे में किसान कुछ सावधानियां बरत कर अपनी फसलों का बचाव कर सकते हैं.

खेतों में जल निकासी का सही इंतजाम

किसी भी फसल की बुवाई से पहले खेत को तैयार करते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि खेत में जल निकासी का सही इंतजाम किया जाए. खेत में मेंड़ या नाली बनाएं जिसकी मदद से ज्यादा पानी खेत से बाहर निकल सके. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर खेतों में जरूरत से ज्यादा पानी भरेगा तो फसल सड़ सकती है. इसलिए किसानों को अपने खेतों में कभी भी जलभराव नहीं होने देना चाहिए.

सही किस्मों का चुनाव

मॉनसून सीजन में खेती करने समय किसानों के लिए बेहद जरूरी है कि वे सही और उन्नत क्वालिटी की किस्मों का चुनाव करें. ऐसी किस्में जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी हो और जो ज्यादा पानी में भी खुद को सुरक्षित रख सकें. इन फसलों में सोयाबीन और मक्का जैसे फसलें शामिल हैं. ऐसी किस्में जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी वे खुद को बारिश में आने वाले कीटों से तो बचाएंगी ही साथ ही किसानों को अच्छी पैदावार भी देंगी.

सही मात्रा में कीटनाशकों का छिड़काव

बारिश के मौसम में फसलों में फफूंद लगने का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में जरूरी है कि फसलों पर ट्राइकोडर्मा या पीसिलियम जैसे जैविक फफूंदनाशक का इस्तेमाल किया जाए. इसके साथ ही फसलों की जरूरत के अनुसार केमिकल कीटनाशक जैसे बॉर्डो मिक्सचर या कॉपपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें, ये दवाइयां फसलों को फंगल रोगों से बचाने में मदद करते हैं. किसान चाहें तो फसलों पर नीम तेल या नीम से बने कीटनाशक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

अच्छे से सूखाने के बाद करें स्टोर

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मॉनसून सीजन में फसलों को बहुत ही ध्यान देकर स्टोर करना चाहिए. बता दें कि फसलों को स्टोर करने से पहले उन्हें सुखाना बहुत ही जरूरी है. अगर फसल को स्टोर करने से पहले सही से न सुखाया जाए तो उसमें नमी बनी रहती है जिसके कारण फसल में कीट लगने लगते हैं और फसल बर्बाद हो जाती है.

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