अगर आप पशुपालक हैं या डेयरी का काम करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत फायदेमंद है. अब दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए महंगे सप्लीमेंट्स या टॉनिक की जरूरत नहीं है. अब आई है एक देसी और सस्ती जुगाड़- पशु चॉकलेट. जी हां, एक ऐसी खास चॉकलेट जिसे अगर गाय-भैंस को खिलाया जाए, तो वे ज्यादा दूध देने लगती हैं और उनकी सेहत भी सुधर जाती है. यह चॉकलेट न केवल पोषण से भरपूर है बल्कि इसे बनाना भी आसान है और यह लंबे समय तक खराब नहीं होती.
कैसे बनती है ये चमत्कारी पशु चॉकलेट?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह चॉकलेट देखने में ईंट जैसी होती है. इसे खास UMMB (Urea Molasses Mineral Block) मशीन से तैयार किया जाता है. इसमें कई पौष्टिक चीजे मिलाई जाती हैं:-
- चोकर
- चुनी (धान या गेहूं की भूसी)
- मिनरल मिक्सर और विटामिन्स
- नमक, खली (मसाले या तेल की बीज से बनी सामग्री)
- थोड़ी मात्रा में यूरिया
इन सभी चीजों को मिक्स कर एक ब्लॉक के रूप में तैयार किया जाता है. इसके बाद इस चॉकलेट को गाय-भैंसों को चाटने के लिए दिया जाता है. यह चॉकलेट उनके लिए किसी एनर्जी टॉनिक जैसा काम करती है-पाचन तंत्र दुरुस्त करती है, शरीर को जरूरी पोषण देती है और सबसे बड़ी बात-दूध और फैट की मात्रा बढ़ा देती है.
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कैसे करता है ये चमत्कार?
सामान्य चारा और दाने से गाय-भैंसों को पूरा पोषण नहीं मिल पाता, जिससे दूध उत्पादन घटने लगता है. यह खास चॉकलेट मिनरल, विटामिन, प्रोटीन और यूरिया का संतुलित मिश्रण प्रदान करती है, जो पशुओं को ताकतवर बनाती है. इसके सेवन से पाचन तंत्र सुधरता है, भूख बढ़ती है, शरीर की कमजोरी दूर होती है और दूध का उत्पादन 15-25 फीसदी तक बढ़ जाता है. साथ ही दूध में वसा प्रतिशत भी बेहतर होता है. गोंडा जिले के कई किसानों ने इसका इस्तेमाल कर सकारात्मक परिणाम देखे हैं. यह चॉकलेट पशुपालन में एक कारगर और सस्ती तकनीक साबित हो रही है.
इसे बनाना है बेहद आसान और सस्ता
यह चॉकलेट एक किफायती और देसी तकनीक पर आधारित पशु आहार सप्लीमेंट है, जिसे किसान अपने घर पर भी बना सकते हैं. इसके लिए UMMB (यूरिया मोलासिस मिनरल ब्लॉक) मशीन की जरूरत होती है, जो कृषि विज्ञान केंद्र या सरकारी संस्थानों से किराए पर मिल जाती है. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बाजार में मिलने वाले महंगे फीड सप्लीमेंट्स की तुलना में बेहद सस्ता और असरदार विकल्प है. यह लंबे समय तक खराब नहीं होती और स्टोरेज में सुरक्षित रहती है. रोजाना केवल 100-150 ग्राम खिलाने से ही सकारात्मक असर दिखता है. यह पूरी तरह सुरक्षित है.
किसानों की आमदनी में हो रहा सीधा फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ गांवों में कई किसानों ने इस पशु चॉकलेट का इस्तेमाल किया है. उनका कहना है कि पहले जहां भैंस 8-10 लीटर दूध देती थी, अब वही 12-15 लीटर देने लगी है. दूध में फैट भी पहले से ज्यादा आ रहा है, जिससे डेयरी वाले या ग्राहक ज्यादा कीमत देने को तैयार हैं. इससे एक बात साफ हो गई है- सही जानकारी और देसी तकनीक के मेल से किसान खुद अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. पशु चॉकलेट इसका बेहतरीन उदाहरण है.