Farming Tips: आजकल लोग सेहत को लेकर पहले से ज्यादा सजग हो गए हैं. यही वजह है कि किचन गार्डन और घर पर सब्जियां उगाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. ऐसी ही एक सेहतमंद और लोकप्रिय सब्जी है ब्रोकली, जो न सिर्फ स्वाद में अच्छी होती है, बल्कि पोषण से भी भरपूर मानी जाती है. बहुत से लोग सोचते हैं कि ब्रोकली उगाना मुश्किल है, लेकिन सच यह है कि थोड़ी-सी सही जानकारी और देखभाल से इसे घर पर आसानी से उगाया जा सकता है.
ब्रोकली गोभी के परिवार की सब्जी है और इसे स्प्राउटिंग ब्रोकली भी कहा जाता है. इसकी हरी-भरी फूलदार कलियां खाने में इस्तेमाल की जाती हैं. यह सब्जी ठंडे मौसम में अच्छी तरह बढ़ती है और शहरी घरों के गमलों, छत या छोटे बगीचे में भी आसानी से उगाई जा सकती है.
ब्रोकली के फायदे
ब्रोकली को सुपरफूड कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इसमें विटामिन सी, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. नियमित रूप से ब्रोकली खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और हड्डियों को भी मजबूती मिलती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और सूजन को कम करने में मदद करते हैं.
ब्रोकली के बीज कैसे लगाएं
ब्रोकली उगाने की शुरुआत अच्छे बीज से होती है. सबसे पहले बीजों को अंकुरित करना जरूरी होता है. इसके लिए आप सीड ट्रे या छोटे गमलों में कोकोपीट या हल्की मिट्टी भर लें. मिट्टी को थोड़ा नम रखें और बीजों को करीब एक चौथाई इंच गहराई में बो दें. ऊपर से हल्की मिट्टी डालकर ढक दें.
बीजों को ऐसी जगह रखें जहां हल्की धूप आती हो और तापमान ज्यादा न हो. ब्रोकली के बीज 15 से 21 डिग्री सेल्सियस तापमान में अच्छी तरह अंकुरित होते हैं. रोज हल्का पानी छिड़कते रहें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा न हो. करीब 5 से 7 दिनों में बीज अंकुरित होने लगते हैं.
पौधों की रोपाई और देखभाल
जब पौधे 2 से 3 इंच के हो जाएं और उनमें 2-3 पत्तियां आ जाएं, तब इन्हें बड़े गमले या जमीन में रोप सकते हैं. मिट्टी ऐसी होनी चाहिए जिसमें पानी आसानी से निकल जाए और जिसका पीएच मान 6 से 7 के बीच हो. पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि उन्हें फैलने की जगह मिल सके.
ब्रोकली के पौधों को नियमित पानी की जरूरत होती है. हफ्ते में कम से कम एक बार गहराई तक पानी देना जरूरी है. गर्म और सूखे मौसम में पानी की मात्रा थोड़ी बढ़ाई जा सकती है. पौधों की जड़ों के आसपास सूखी पत्तियां या भूसा डालने से नमी बनी रहती है.
खाद की बात करें तो ब्रोकली को पोषक तत्वों की अच्छी जरूरत होती है. शुरुआत में गोबर की सड़ी खाद या कंपोस्ट मिलाने से पौधों की बढ़वार अच्छी होती है. बाद में हर तीन-चार हफ्ते में संतुलित खाद देने से पौधे मजबूत बनते हैं और फूलदार कलियां अच्छी बनती हैं.
कीट, रोग और मौसम का ध्यान
ब्रोकली के पौधों पर कभी-कभी कीट जैसे इल्ली, एफिड्स या कीड़े लग सकते हैं. इसलिए पौधों की नियमित जांच करते रहें. जैविक तरीके जैसे नीम तेल का छिड़काव कीटों से बचाने में मदद करता है. बहुत ज्यादा गर्मी ब्रोकली के लिए नुकसानदायक होती है, इसलिए इसे सर्दियों या हल्के मौसम में उगाना बेहतर रहता है.
ब्रोकली की कटाई और भंडारण
ब्रोकली की फसल आमतौर पर 70 से 100 दिनों में तैयार हो जाती है. जब इसकी मुख्य फूलदार कली पूरी तरह विकसित हो जाए और पीली न पड़े, तभी उसे काट लें. कली काटते समय डंठल का थोड़ा हिस्सा साथ छोड़ दें.
मुख्य कली काटने के बाद पौधे से छोटी-छोटी साइड शूट्स भी निकलती हैं, जिन्हें बाद में काटा जा सकता है. इससे कुछ हफ्तों तक लगातार ब्रोकली मिलती रहती है. ताजी ब्रोकली को फ्रिज में एक हफ्ते तक सुरक्षित रखा जा सकता है. लंबे समय के लिए इसे हल्का उबालकर फ्रीज भी किया जा सकता है.
घर की छत से थाली तक ताजगी
घर पर ब्रोकली उगाना न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह एक संतोष देने वाला अनुभव भी है. अपनी उगाई हुई सब्जी खाने का आनंद ही कुछ और होता है. थोड़ी मेहनत और सही देखभाल से आप भी अपने किचन गार्डन में हरी-भरी, पौष्टिक ब्रोकली उगा सकते हैं और पूरे परिवार को सेहत का तोहफा दे सकते हैं.