बिहार चुनाव से पहले मोदी सरकार की बड़ी जीत, NDA के सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बने

एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. उन्हें 452 वोट मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस सुधर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. यह चुनाव राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी की देखरेख में संपन्न हुआ.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 9 Sep, 2025 | 10:52 PM

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार को बड़ी जीत मिली है. एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने कहा कि सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले. वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस सुधर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले. यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद हुआ है. उपराष्ट्रपति के लिए कुल 767 वोट डाले गए, जिनमें से 752 वैध और 15 अमान्य पाए गए. जीत के लिए जरूरी आंकड़ा 377 वोट था.

राज्यसभा के महासचिव और इस चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी  ने कहा कि वोटिंग संसद भवन के कक्ष नंबर F-101, वसुधा में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुई. वहीं, विपक्ष ने इस मुकाबले को एक वैचारिक लड़ाई बताया, हालांकि आंकड़े एनडीए के पक्ष में थे. इस बीच कई क्षेत्रीय दलों जैसे बीजेडी, बीआरएस और अकाली दलने वोटिंग से दूरी बना ली. उनके नेताओं का कहना है कि यह रुख राज्य स्तर की प्राथमिकताओं को दिखाता है और वे एनडीए व INDIA दोनों से दूरी बनाए रखना चाहते हैं.

सुदर्शन रेड्डी को करीब 40 फीसदी वोट मिले

कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इस उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसका प्रदर्शन सम्मानजनक रहा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के साझा उम्मीदवार जस्टिस (रिटायर्ड) बी. सुदर्शन रेड्डी को करीब 40 फीसदी वोट मिले, जबकि 2022 के चुनाव में विपक्ष को सिर्फ 26 फीसदी वोट मिले थे. रमेश ने कहा कि यह दिखाता है कि विपक्ष की स्थिति मजबूत हो रही है.

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन

सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है. इनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुप्पूर, तमिलनाडु में हुआ था. वे किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे और 17 साल की उम्र में जनसंघ और संघ के कार्यक्रमों में सक्रिय हिस्सा लेने लगे. उनका राजनीतिक करियर 1974 में शुरू हुआ, जब वे जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने. यही उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत थी. राधाकृष्णन ने वी. ओ. चिदंबरम कॉलेज, तूतीकोरिन से बीबीए (BBA) की डिग्री ली है. वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव भारी मतों से जीत चुके हैं. उन्होंने भाजपा तमिलनाडु अध्यक्ष, कॉयर बोर्ड के चेयरमैन, और संसद की टेक्सटाइल पर स्थायी समिति के अध्यक्ष जैसे अहम पदों पर काम किया है.

कहां-कहां के रहे राज्यपाल

वे अपने संगठनात्मक काम के लिए भी जाने जाते हैं. उन्होंने तमिलनाडु में 93 दिनों की ‘रथ यात्रा’ निकाली थी और बाद में केरल भाजपा प्रभारी भी बने. वे 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष भी रहे. राधाकृष्णन ने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल, मार्च से जुलाई 2024 तक तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के तौर पर भी सेवा दी. 31 जुलाई 2024 को उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला. लगभग 40 साल के राजनीतिक अनुभव के साथ वे तमिलनाडु से जुड़ी भाजपा की एक मजबूत और अनुभवी शख्सियत माने जाते हैं.

 

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Published: 9 Sep, 2025 | 07:42 PM

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