अगर आप खेती करना पसंद करते हैं लेकिन महंगे उपकरण और बड़ी जमीन के झंझट से बचना चाहते हैं, तो मशरूम की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है. कम लागत, अधिक मुनाफा और सीमित जगह में उत्पादन – यही कारण है कि आज देश-विदेश में मशरूम फार्मिंग की मांग तेजी से बढ़ रही है.
क्यों करें मशरूम की खेती
मशरूम की खेती के कई फायदे हैं, लेकिन सबसे बड़ा फायदा है उच्च मुनाफे की संभावना. मशरूम जल्दी तैयार होते हैं और इनकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. जैसे – ऑयस्टर (Oyster) और शिटाके (Shiitake) जैसे स्वादिष्ट मशरूम की कीमत बाजार में 200 से 1200 रुपये प्रति किलो तक होती है. जानकार बताते हैं कि हर हफ्ते 300-400 किलो मशरूम उत्पादन कर के महीने का 30,000 रुपये से 50,000 रुपये तक की बचत की जा सकती है.
बाजार में मशरूम की बढ़ती मांग ने मशरूम की खेती को प्रोत्साहित किया है. मशरूम की मांग हर साल बढ़ती जा रही है. इसके पीछे कई कारण हैं:-
- 1) स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग मशरूम को प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत मानते हैं.
- 2) वेजिटेरियन और प्लांट-बेस्ड डाइट अपनाने वालों की संख्या बढ़ रही है.
- 3) दवाइयों में इस्तेमाल होने वाले मेडिसिनल मशरूम की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है.
- 4) ड्राय मशरूम और मशरूम पाउडर की मांग फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में तेजी से हो रही है.
- 5) होटल और रेस्तरां में लोकल और ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है, जिसे लोकल मशरूम फार्म पूरा कर सकते हैं.
- मशरूम फार्मिंग में शुरुआती लागत
जहां आमतौर पर एक छोटा व्यवसाय शुरू करने में पहले साल में लगभग 4 से 5 लाख रुपये लगते हैं, वहीं मशरूम की खेती की शुरुआत मात्र ₹20,000 से ₹50,000 में हो सकती है.अगर आपके पास पहले से ही एक छोटा कमरा या शेड है, तो यह खर्च और भी कम हो सकता है.यदि आप बड़े स्तर पर मशरूम उत्पादन करना चाहते हैं, तो खर्च ₹1 लाख से लेकर ₹10 लाख तक हो सकता है. लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि छोटे स्तर से शुरुआत करें और अनुभव के साथ धीरे-धीरे अपने कारोबार का विस्तार करें.
मशरूम फार्मिंग के लिए आवश्यक चीजें
मशरूम उगाने के लिए जरूरी है कि आप दो अलग-अलग कक्षों (Room) की व्यवस्था करें:
1. इन्क्यूबेशन रूम (अंकुरण कक्ष) – जहां मशरूम के बीज (स्पॉन) को सब्सट्रेट में मिलाकर बढ़ने दिया जाता है.
2. फ्रूटिंग रूम (फलन कक्ष) – जहां से पूर्ण विकसित मशरूम काटे जाते हैं.
जरूरी उपकरण (Equipment):
1) स्पॉन (बीज): मशरूम की गुणवत्ता इसी पर निर्भर करती है. आप इसे ICAR या लोकल मशरूम रिसर्च सेंटर से खरीद सकते हैं.
2) सब्सट्रेट: गेहूं का भूसा, लकड़ी की बुरादे, कॉफी वेस्ट आदि.
3) ग्रो बैग: बीज और स्पॉन के रहने के लिए सबसे उचित वातावरण.
4) LED लाइट्स: 6500-9000K की वाटरप्रूफ लाइट्स फलन(Fruting room)कक्ष के लिए.
5) एयर एक्सचेंज फैन: CO2 का स्तर नियंत्रित करने के लिए जरूरी.
6) ह्यूमिडिटी कंट्रोल: नमी बनाए रखने के लिए मिस्ट स्प्रेयर या ह्यूमिडिफायर.
7) थर्मामीटर और हाइड्रोमीटर: तापमान और नमी की निगरानी के लिए.
कितनी जगह की जरूरत?
छोटे स्तर की मशरूम खेती के लिए आपको सिर्फ 100 से 500 वर्ग फीट की जगह की जरूरत होती है. यह जगह घर के किसी खाली कमरे, टिन शेड या गैराज में भी हो सकती है.
कमर्शियल फार्म के लिए कम से कम 500 वर्ग फीट जगह होनी चाहिए, जिससे आप हर महीने सैकड़ों किलो मशरूम तैयार कर सकेंगे.
मशरूम की खेती का तरीका:
1) स्पॉन तैयार करना या खरीदना.
2) सब्सट्रेट तैयार करना और उसे स्टरलाइज करना (उबालना या भाप देना).
3) स्पॉन को सब्सट्रेट में मिलाना और बैग में भरना.
4) इन्क्यूबेशन रूम में बैग्स रखना (20-25 दिन तक).
5) फ्रूटिंग रूम में बैग्स को लटकाना और नमी व रोशनी बनाए रखना.
6) मशरूम तोड़ना और बाजार में बेचना.
मशरूम बेचने के तरीके:-
1) लोकल मंडी और सब्जी बाजार.
2) रेस्तरां और होटल.
3) ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया.
4) ऑर्गेनिक/हेल्थ फूड स्टोर.
5) कॉर्पोरेट ऑर्डर या सब्सक्रिप्शन मॉडल.
किन मशरूम की खेती करें?
शुरुआत करने के लिए ऑयस्टर(oyster) मशरूम सबसे आसान और लोकप्रिय विकल्प है. इसके अलावा:
1) बटन मशरूम: ज्यादा तापमान में कठिनाई होती है.
2) शिटाके मशरूम: स्वादिष्ट लेकिन थोड़ा महंगा बीज और समय लगता है.
3) गणोर्डमा और मेडिसिनल मशरूम: औषधीय गुणों के कारण बाजार में मांग ज्यादा.
सावधानियां-
- 1) नमी और तापमान का नियंत्रण न बिगड़े.
- 2) मशरूम की खेती में साफ-सफाई बेहद जरूरी है.
- 3) बीमारियों और फफूंदी से फसल को बचाना जरूरी.
- मशरूम फार्मिंग में आने वाली सामान्य चुनौतियां-