सहकारिता से होगा डिजिटल भारत का सपना साकार, एक ही छत के नीचे किसानों को मिलेंगी सारी सुविधाएं

डिजिटल भारत को बढ़ावा देने के लिए किसानों और सहकारी संस्थाओं को तकनीक से जोड़ जाएगा. साथ ही पैक्स (PACS), डीसीसीबी (DCCB) और एससीबीआई (SCBI) को भी डिजिटल बनाया जाएगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 19 Jul, 2025 | 05:15 PM

सहकारिता मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल भारत’ के सपने को साकार करने के लिए कालगातार कोशिशें कर रहा है. ताकि, डिजिटल का फायदा छाटे से छोटे गांवों के किसानों तक पहुंचाया जा सके. सरकार को उम्मीद है कि किसान सहकारिता से जुड़कर और सराकरी योजनाओं का उचित लाभ उठाकर खुद को मजबूत कर सकेंगे. दरअसल, डिजिटल भारती की नींव रखने में सहकारिता मंत्रालय अहम भूमिका निभा रहा है. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि सहकारिता की मदद से बनाए जा रहे पैक्स के तहत किसानों को एक ही छत के नीचे खेती से जुड़ी सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें.

सहकारिता से बनेगी डिजिटल भारत की नींव

डिजिटल भारत को बढ़ावा देने के लिए किसानों और सहकारी संस्थाओं को भविष्य की तकनीकों से जोड़ जाएगा. सहकारिता के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले पैक्स (PACS), डीसीसीबी (DCCB) और एससीबीआई (SCBI), तीनों को डिजिटल बनाया जाएगा. इतना ही नहीं खेती से जुड़ी मौजूदा या आने वाली तकनीकों को एआई (AI) और डेटा से जोड़ा जाएगा, ताकि देश के ग्रामीण इलाके डिजिटल तौर पर समृद्ध और सशक्त हो सकें.

एक ही छत के नीचे मिलेगा सबकुछ

राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (National Cooperative Development Corporation) के तहत ग्रामीण इलाकों में स्थापित किए जाने वाले पैक्स (PACS) सेंटर अब मल्टी सर्विस सेंटर में तब्दील किए जाएंगे. यानी एक ही पैक्स केंद्र में किसानों को सारी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. NCDC के अनुसार पैक्स केंद्रों के माध्यम से केवल लोन नहीं बल्कि बीज, खाद की सप्लाई, डिजिटल लेनदेन, मार्केटिंग और स्टोरेज जैसी सुविधाएं दी मिलेंगी. इस तरह किसानों को कहीं भी भटकने की जरूरत नहीं होगी. उन्हें सभी कुछ एक ही छत के नीचे मिल जाएगा.

67 हजार पैक्स होंगे डिजिटल

NCDC द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सहकरिता विभाग द्वार 67 हजार पैक्स  केंद्रों का चुनाव किया गया है जिन्हें डिजिटल किया जाएगा. बता दें कि इन चुने गए पैक्स केंद्रों में से अबतक 15 हजार पैक्स ऐसे हैं जो कि पूरी तरह से कंप्यूटर आधारित हो चुके हैं. केद्र सरकार द्वारा पैक्स का डिजिटलीकरण कराने का मतलब है किसानों को सशक्त बनाना, और जब किसान सशक्त बनेंगे तो अपने पैरों पर खड़े होंगे. आर्थिक तौर पर खुद को मजबूत कर अपनी पहचान बना सकेंगे.

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