केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने के लिए अन्न भंडारण योजना एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा कि अन्न भंडारण योजना देश की जीडीपी (GDP) और रोजगार के नए अवसर खोलने में काफी मदद करेगी.
PACS की आमदनी बढ़ाने का टार्गेट
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया कि भारत की आर्थिक प्रगति को मापने के दो मुख्य मापदंड हैं. पहला सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी और दूसरा रोजगार के नए अवसरों का बनना. उन्होंने कहा कि अन्न भंडारण योजना की मदद से इन दोनों पहलुओं को सशक्त बनाया जा सकेगा. उन्होंने आगे बताया कि इस योजना के तहत किसानों के लिए रोजगार के नए अवसरों को बनाना और पैक्स समतियों की आमदनी बढ़ाने का टार्गेट तय किया गया है.
योजना में PACS की भागीदारी पर जोर
सहकारिता मंत्रालय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अन्न भंडारण योजना में बड़े पैमाने पर पैक्स की भागीदारी पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि किसानों तक पैक्स समितियों की पहुंच बनाने के लिए जरूरी है कि पैक्स को अन्न भंडारण योजना का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने FCI, NCCF, NAFED और राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशनों को PACS को अधिक से अधिक गोदामों से जोड़ने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए हैं. अमित शाह ने बताया कि पैक्स की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है.
योजना को समय से लागू करने की अपील
बता दें कि सहकारिता मंत्रालय में हुई इस बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यों को अपने लेवल पर ज्यादा से ज्यादा पैक्स को अन्न भंडारण योजना में शामिल करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने सभी संबंधित विभागों से अपील की कि अन्न भंडारण योजना को समय से प्रभावशाली तरीक से लागू किया जाए ताकि इस योजना की मदद से आत्मनिर्भर भारत’ और ‘सहकार से समृद्धि’ के टार्गेट को पूरा किया जा सके.