झारखंड के किसानों के लिए की कृषि लागत घटाने और विपरीत मौसम में भी ज्यादा उत्पादन देने वाली 9 उन्नत किस्मों को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित करने में कामयाबी पाई है. इन किस्मों को प्रतिकूल मौसम में भी बेहतर उत्पादन देने के लिए वैज्ञानिक तौर पर विकसित किया गया है. खास बात यह है कि आईसीएआर ने भी इन किस्मों की सराहना की है. अब राज्य के किसानों के लिए खेती और अधिक लाभकारी होने वाली है.
9 उन्नत किस्मों को विकसित करने में मिली कामयाबी
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (birsa agricultural university) लगातार कृषि अनुसंधान में नई ऊंचाइयां छू रहा है. विश्वविद्यालय की ओर से गेहूं, दलहन और सरसों फसल की 9 उन्नत किस्मों को विकसित किया गया है. यह किस्में न सिर्फ तेजी से बदलते मौसम को झेलने में सक्षम हैं, बल्कि इनमें कीटों का असर भी काफी कम देखा गया है. पौधा प्रजनन एवं आनुवंशिकी विभाग की विभागाध्यक्ष मोनीगोपा चक्रवर्ती ने इन नई किस्मों को किसानों के लिए गेम चेंजर बताया है.
मक्का, गेहूं, सरसों और दलहन की नई किस्में तैयार
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पौधा प्रजनन एवं आनुवंशिकी विभाग की अध्यक्ष मोनीगोपा चक्रवर्ती ने प्रसार भारती को बताया कि इन 9 किस्मों में एक उन्नत किस्म मक्का का भी है, जिसकी पैदावार राज्य के औसत उत्पादन से काफी अधिक है. खराब मौसम में भी यह बेहतर उपज देती है. इसके अलावा उन्होंने आठ अन्य उन्नत बीजों के बारे में जानकारी दी, जो दैनिक जीवन में उपयोगी हैं, इनमें गेहूं, दाल और सरसों समेत अन्य फसल शामिल हैं.
ज्यादा सूखा-बारिश और कीटों से सुरक्षित हैं नई किस्में
बीएयू के वैज्ञानिकों की ओर से तैयार नई उन्नत किस्मों को स्थानीय किसानों के साथ ही दूसरे प्रदेशों के किसानों को खेती के लिए दिया जा रहा है. इन किस्मों के लिए आईसीएआर दिल्ली से भी सराहना मिली है. नई किस्में कई मायनों में किसानों के लिए कारगर हैं. क्योंकि यह विपरीत मौसम को झेलने में सक्षम होने के साथ ही सूखा, अत्यधिक बारिश की स्थित को झेल सकती हैं. इसके अलावा कीटों को पनपने नहीं देने की इनकी क्षमता किसानों का खर्च घटा देती है.
सब्जी फसलों के साथ वनस्पति किस्मों पर काम कर रहा विभाग
मोनीगोपा चक्रवर्ती ने कहा कि सरकार की पहल से झारखंड में कृषि क्षेत्र लगातार मजबूत हो रहा है. नई फसल किस्में किसानों के भविष्य को निश्चित रूप से और अधिक सुरक्षित और समृद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होंगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय लगातार नई किस्मों के विकास के लिए कोशिशें कर रहा है. कई नई किस्में अभी विकसित करने की प्रक्रिया में हैं. जल्द ही सब्जी फसलों और वनस्पति की नई किस्मों को पेश किया जाएगा.