खरीफ सीजन में देशभर में इस बार किसानों ने धान की खूब खेती की है, जिसके चलते धान उत्पादन का कई साल का रिकॉर्ड टूटने का अनुमान है. ज्यादातर हिस्सों में बारिश और बाढ़ के चलते फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है. ऐसे में किसानों को धान की कटाई करते समय बाली का रंग, मिट्टी की नमी समेत कुछ खास बातों का खयाल रखना जरूरी हो जाता है, ताकि उन्हें ज्यादा उत्पादन मिल सके हैं और नुकसान कम हो. आइये जानते हैं धान कटाई के लिए 5 जरूरी बातें.
1- कटाई से पहले देखें बालियों का रंग
कृषि वैज्ञानिकों की ओर से किसानों को सलाह दी गई है कि वे धान की कटाई से पहले बालियों का रंग जरूर जांच लें. जब बालियां 80 से 85 फीसदी तक सुनहरे रंग की दिखने लगें तो समझ लीजिए कि धान की फसल कटाई के लिए तैयार है. इस बात का खास खयाल रखें कि कटाई से पहले दानों में 20 से 25 फीसदी नमी होनी चाहिए, साथ ही दानों को हाथ से दबाने पर अगर वे आसानी से नहीं टूटते और कठोर महसूस होते हैं, तो समझ लें कि कटाई का समय नजदीक है. बता दें कि, धान की बालियों का सुनहरा रंग कटाई करने का सही समय होता है.
2- उपज क्वालिटी बेहतर रखने के क्या करें
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धान की उपज की क्वालिटी अच्छी होना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे किसान को सही कीमत मिलने का रास्ता साफ होता है. इसके लिए यह जरूरी है कि फसल की कटाई दिन के किस समय में की गई है. किसानों को ये सलाह दी जाती है कि वे कटाई के लिए सुबह या शाम के समय का ही चुनाव करें. क्योंकि दोपहर के समय गर्मी के कारण दाने टूट कर खराब हो सकते हैं.
3- थ्रेसिंग में देरी न करें
किसानों को सलाह दी जाती है कि अगर उनके पास संसाधन हों और संभव हो तो खेतों में कम्बाइन हार्वेस्टर या थ्रेशर मशीन का इस्तेमाल करें. जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है. किसान कटाई के तुरंत बाद थ्रेसिंग जरूर कर लें ताकि फसल में फफूंद या कीट लगने का खतरा न रहे. इससे उपज की क्वालिटी बेहतर बनी रहेगी.
4- दानों को अच्छे से सुखाएं
धान की फसल को काटने के बाद उसे स्टोर करने से पहले बेहद जरूरी है कि किसान दानों को अच्छे से 2 से 3 दिन तक तेज धूप में सुखा लें. ताकि उनकी नमी में 12 से 14 फीसदी की कमी आ जाए. बता दें कि, ऐसा करने से दानों को ज्यादा दिन के लिए स्टोर किया जा सकता है.
5- स्टोरेज की जगह कैसी हो
धान की कटाई के बाद उपज स्टोर करते समय सावधानियां बरतना उतना ही जरूरी है जितना फसल रोपाई और कटाई है. धान की फसल को कटाई के बाद जहां भी स्टोर करना हो उस जगह को पहले अच्छे से साफ करें. उस जगह पर कीटनाशकों का छिड़काव करें. ध्यान देने वाली बात ये है कि फसल की बोरियों या ढेर को सीधे जमीन पर न रखें. उन्हें लकड़ी की पटरी (पैलेट) या ईंटों का प्लेटफॉर्म बनाकर उस पर बोरी रखें ताकि नमी न लगे.