आज के समय में किसान प्रगतिशील हो गए हैं. वे आमदनी के लिए केवल पारंपरिक फसलों की खेती पर ही निर्भर नहीं रहते हैं बल्कि सब्जियों, फलों, व्यावसायिक और औषधीय फसलों की खेती भी करते हैं. फलों की खेती का चलन किसानों में लोकप्रिय हो रहा है. ऐसे में सरकार भी उन्हें बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं लेकर आती है. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने प्रदेश में पपीते की खेती को बढ़ावा देने के लिए 22 जिलों में पपीते की खेती का रकबा बढ़ाने का फैसला लिया है. जिसके लिए प्रदेश सरकार एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत किसानों को पपीते की खेती के लिए 60 फीसदी सब्सिडी भी देगी यानी कुल लागत का 60 फीसदी खर्च सरकार उठाएगी.
22 जिलों में 335 हेक्टेयर में खेती
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत पपीते के बाग का क्षेत्र विस्तार करने के लिए बिहार कृषि विभाग ने प्रदेश के 22 जिलों में 335 हेक्टेयर जमीन पर पपीते की खेती कराने का लक्ष्य तय किया है. बता दें कि, सरकार की इस योजना के पीछे मुख्य उद्देश्य न केवल पपीते की खेती का विस्तार करना है बल्कि उत्पादन में बढ़ोतरी कर किसानों की आमदनी को बढ़ाना भी है.
60 फीसदी खर्च देगी सरकार
बिहार कृषि विभाग द्वारा सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार की तरफ से पपीते की खेती के लिए प्रति इकाई लागत 75 हजार रुपये तय की गई है, जिसका 60 फीसदी यानी 45 हजार रुपये सरकार की तरफ से किसानों को दिया जाएगा. यहां ध्यान देने वाली बात है कि सरकार की इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी की राशि दो साल की समय अवधि पर दी जाएगी. पहले वित्तीय वर्ष 2025-26 में किसानों को 27 हजार रुपये सब्सिडी के तौर पर दिए जाएंगे. वहीं बची हुई सब्सिडी की राशि यानी 18 हजार रुपये दूसरे वित्तीय वर्ष 2026-27 में दिया जाएगा.
ऑनलाइन करें आवेदन
- इस योजना के लिए आवेदन करने के इच्छुक किसान बिहार सरकार की हॉर्टिकल्चर वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाएं.
- होम पेज पर ‘फल से संबंधित योजना’ वाले विकल्प पर क्लिक करें.
- अगली सक्रीन पर ‘पपीता विकास योजना’ के अंदर ‘आवेदन करें’ पर क्लिक करें.
- इसके बाद कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत संख्या को भर के आवेदन की प्रक्रिया पूरी करें.
22 जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
प्रदेश में पपीते की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए कृषि विभाग ने 22 जिलों को चुना है. इन जिलों में भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, गया, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पश्चिम चम्पारण, पटना, पूर्वी चम्पारण, पूर्णियाँ, सहरसा, समस्तीपर, मधुबनी और वैशाली शामिल हैं.