Pig Farming: ग्रामीण भारत में पशुपालन को हमेशा से आय का अहम साधन माना जाता है. गाय, भैंस, बकरी और भेड़ पालन तो हर कोई जानता है, लेकिन बहुत से किसान अब सुअर पालन की ओर भी ध्यान दे रहे हैं. यह कम लागत वाला व्यवसाय है, जिसे शुरू करना आसान है और इससे किसानों को तगड़ा मुनाफा मिल सकता है. सुअर पालन से न सिर्फ मांस और चमड़े की अच्छी कमाई होती है, बल्कि इसके कई अन्य उत्पादों की भी बाजार में मांग बनी रहती है. आइए जानते हैं कि सुअर पालन कैसे किसानों के लिए आय का नया जरिया बन सकता है.
मांस और चमड़े से अच्छी कमाई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सुअर पालन मुख्य रूप से मांस और चमड़े के लिए किया जाता है. सुअर का मांस मार्केट में ऊंचे दामों पर बिकता है, वहीं इसकी खाल से पर्स, जैकेट और अन्य उत्पाद बनाए जाते हैं जिनकी हमेशा डिमांड रहती है. इसके अलावा सुअर की चर्बी से कई दैनिक उपयोग की चीजें तैयार की जाती हैं. यही वजह है कि सुअर पालन करने वाले किसान और पशुपालक लाखों रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
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सुअर की प्रमुख नस्लें
अगर किसान सही नस्ल के सुअर पालते हैं, तो उन्हें और भी ज्यादा मुनाफा हो सकता है. भारत में कुछ प्रमुख नस्लें इस प्रकार हैं:-
- लार्ज वाइट लार्कशायर
- मिडल वाइट लार्कशायर
- लैंडरस
- हैंपशायर
- स्वदेशी किस्म
- एचएक्स-1
इन नस्लों के सुअर तेजी से बढ़ते हैं और मार्केट में इनके दाम भी अच्छे मिलते हैं.
पालन कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें
सुअर पालन शुरू करने से पहले आपके पास पर्याप्त जगह होनी चाहिए. इनके खाने-पीने का सही इंतजाम जरूरी है, क्योंकि मांस और चर्बी की गुणवत्ता इन्हीं पर निर्भर करती है. इन्हें सब्जियों के छिलके, सड़े-गले फल या होटल का बचा हुआ खाना भी खिलाया जा सकता है. समय-समय पर इनकी जांच और टीकाकरण कराना भी जरूरी है ताकि ये स्वस्थ रह सकें और तेजी से बढ़ सकें.
तेजी से बढ़ती संख्या से मुनाफा दोगुना
सुअर पालन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि मादा सुअर 114 से 115 दिनों में एक बार में 6 से 7 बच्चों को जन्म देती है. एक साल में मादा सुअर दो बार बच्चे दे सकती है. यानी, थोड़े ही समय में आपकी सुअरों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है. मार्केट में एक बच्चे की कीमत करीब 2 से 3 हजार रुपये होती है, जिससे किसानों को सीधा फायदा होता है.
कम लागत और ज्यादा फायदा
सुअर पालन (Pig Farming) में ज्यादा लागत नहीं लगती और न ही इसमें ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इनके आहार पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता और ये आसानी से उपलब्ध चीजों से भी पल सकते हैं. एक वयस्क सुअर से 60 से 70 किलो तक मांस मिलता है, जिसकी मार्केट में हमेशा मांग रहती है. यही कारण है कि किसान अब सुअर पालन को आय का मजबूत जरिया मान रहे हैं.