खाद-कीटनाशक पर टैक्स घटा, अब किसानों को सस्ते दामों पर मिलेंगे खेती के जरूरी सामान

केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में खेती से जुड़े सामान पर टैक्स घटा दिया गया है. अब ट्रैक्टर, खाद, बीज, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण पहले से सस्ते मिलेंगे.

Kisan India
नोएडा | Published: 22 Sep, 2025 | 10:30 AM

किसानों के लिए राहत की खबर आई है. खेती में इस्तेमाल होने वाले कई जरूरी सामान अब सस्ते दामों पर मिलेंगे. दरअसल, हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के बाद केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के इरादे से कई अहम फैसले लिए हैं. खाद और कीटनाशकों पर टैक्स घटा दिया गया है, जिससे यह सामान किसानों की पहुंच में होगा. इतना ही नहीं, ट्रैक्टर, उसके टायर-पुर्जे, सिंचाई उपकरण, बीज और खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीनें भी अब पहले से सस्ती हो सकती हैं. यह कदम खेती की लागत घटाने और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा.

सरकार का कहना है कि इन बदलावों से किसानों का बोझ कम होगा और खेती करना थोड़ा आसान होगा. लेकिन किसानों और दुकानदारों को अब भी इस बात की चिंता है कि कंपनियां अपने उत्पादों के दाम बढ़ा सकती हैं, जिससे जीएसटी में मिली राहत का असली फायदा शायद ही मिल पाए.

खेती के यंत्रों पर जीएसटी करीब आधा हुआ

खेती में काम आने वाले कई मशीनों और औजारों पर जीएसटी की दरों में बड़ी कटौती की गई है. अब ट्रैक्टर के टायर और उसके अलग-अलग हिस्सों पर सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा, जो पहले 18 फीसदी था. वहीं खुद ट्रैक्टर पर भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसदी टैक्स कर दिया गया है. इसके अलावा, ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी आधुनिक सिंचाई प्रणालियों पर भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसदी टैक्स कर दिया गया है. इससे पानी की बचत करने वाली तकनीकों को अपनाने में किसानों को मदद मिलेगी और सिंचाई की लागत भी घटेगी.

फसल की तैयारी से लेकर कटाई तक की मशीनें होंगी सस्ती

खेती में सिर्फ बोवाई नहीं, बल्कि जमीन की तैयारी, फसल की कटाई और अनाज की थ्रेसिंग तक में मशीनों का बड़ा रोल होता है. अब इन सभी कामों में इस्तेमाल होने वाले यंत्रों पर भी 12 फीसदी की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. इसका मतलब ये हुआ कि अब ये मशीनें सस्ती मिलेंगी. इससे किसानों को हाथ से मेहनत करने के बजाय आधुनिक तकनीक अपनाने में सहूलियत मिलेगी. खेती का काम तेज होगा, मेहनत कम लगेगी और फसल की लागत घटेगी.

खाद, बीज, कीटनाशक पर भी राहत-लेकिन कितनी?

खेती के लिए सिर्फ मशीन नहीं, खाद, बीज और कीटनाशक (Seeds And Pesticides) भी जरूरी होते हैं. अब जैविक कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों (माइक्रो न्यूट्रिएंट्स) पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. इससे ये सामान भी अब पहले से सस्ते हो सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, पहले जो जैव-कीटनाशक 1000 रुपये में मिलता था, उसमें 12 फीसदी टैक्स यानी 120 रुपये जुड़ जाते थे. अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा, यानी सिर्फ 50 रुपये. इस हिसाब से किसानों को 70 रुपये तक की सीधी बचत हो सकती है. लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब कंपनियां अपने दाम न बढ़ाएं.

किसानों और दुकानदारों की चिंता-दाम तो न बढ़ें

हालांकि टैक्स में कटौती की बात सुनकर किसान खुश तो हैं, लेकिन वे पूरी तरह निश्चिंत नहीं हैं. बाजार में जो बात सामने आ रही है, वो ये कि कंपनियां इस टैक्स छूट के बाद अपने उत्पादों के दाम खुद ही बढ़ा सकती हैं. बीज और खाद की दुकान चलाने वाले कई दुकानदारों का कहना है कि पहले भी ऐसा हो चुका है-टैक्स कम हुआ, लेकिन कंपनियों ने खुद ही प्राइस बढ़ा दिया. ऐसे में किसानों को फायदा नहीं मिल पाता और सब कुछ पहले जैसा ही रह जाता है.

सरकार की मंशा सही, लेकिन जरूरत है निगरानी की

सरकार की मंशा साफ है-किसानों को राहत देना और खेती को सस्ता बनाना. लेकिन इसका असली फायदा तभी मिलेगा, जब कंपनियों को इस बात की इजाजत न दी जाए कि वे मनमाने तरीके से दाम बढ़ाएं. इसके लिए जरूरी है कि सरकार इन उत्पादों की कीमतों पर नजर रखे. अगर टैक्स कम होने के बाद भी दाम बढ़ गए, तो पूरी राहत बेकार हो जाएगी.

Published: 22 Sep, 2025 | 10:30 AM

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