GST Cut 2025: भारत के किसानों के लिए आज का दिन बेहद अहम साबित हो रहा है. 22 सितंबर 2025 से केंद्र सरकार द्वारा घोषित कृषि मशीनरी पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती लागू हो रही है. इस फैसले से ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य कृषि उपकरणों की कीमतों में लगभग 7 से 13 प्रतिशत तक की सीधी कमी आएगी. सरकार का मानना है कि यह कदम खेती को अधिक आधुनिक और किफायती बनाने में मील का पत्थर साबित होगा.
किन कृषि मशीनों पर पड़ेगा असर
GST दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे कई महत्वपूर्ण उपकरणों की कीमतें गिरेंगी. इसमें शामिल हैं:
- ट्रैक्टर (35 HP से 75 HP तक)
- धान रोपाई मशीन (पैडी ट्रांसप्लांटर)
- हार्वेस्टर और कंबाइन
- थ्रेशर और पॉवर टिलर
- अन्य छोटी-बड़ी कृषि मशीनें और ट्रैक्टर पार्ट्स
इन उपकरणों पर कम टैक्स होने से न केवल नई मशीनें खरीदना आसान होगा, बल्कि मरम्मत और रखरखाव का खर्च भी घटेगा.

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प्रमुख मशीनों पर जीएसटी कटौती से होने वाली बचत
नए नियम लागू होने से किसानों को कितनी बचत होगी, इसे नीचे दी गई टेबल से समझा जा सकता है. इसमें पुराने और नए जीएसटी दरों के साथ कुल कीमत और बचत का तुलनात्मक विवरण दिया गया है.
Sl.No. | कृषि मशीनरी एवं उपकरण का नाम | कृषि मशीनरी की मूल लागत (रु.) | वर्तमान जीएसटी दर 12 प्रतिशत (रु.) | 12 प्रतिशत जीएसटी सहित कुल लागत (रु.) | आगामी संशोधित जीएसटी दर 5 प्रतिशत (रु.) | संशोधित जीएसटी सहित कुल लागत 5 प्रतिशत (रु.) | बचत (रु.) |
---|---|---|---|---|---|---|---|
1 | ट्रैक्टर 35 HP | 5,80,000 | 69,600 | 6,50,000 | 29,000 | 6,09,000 | 41,000 |
2 | ट्रैक्टर 45 HP | 6,43,000 | 77,160 | 7,20,000 | 32,150 | 6,75,000 | 45,000 |
3 | ट्रैक्टर 50 HP | 7,59,000 | 91,080 | 8,50,000 | 37,950 | 7,97,000 | 53,000 |
4 | ट्रैक्टर 75 HP | 8,93,000 | 1,07,160 | 10,00,000 | 44,650 | 9,37,000 | 63,000 |
5 | पावर टिलर 13 HP | 1,69,643 | 20,357 | 1,90,000 | 8,482 | 1,78,125 | 11,875 |
6 | धान रोपाई मशीन – 4 लाइन वॉक बिहाइंड | 2,20,000 | 26,400 | 2,46,400 | 11,000 | 2,31,000 | 15,400 |
7 | मल्टीक्रॉप थ्रेशर – 4 टन/घंटा क्षमता | 2,00,000 | 24,000 | 2,24,000 | 10,000 | 2,10,000 | 14,000 |
8 | पावर वीडर – 7.5 HP | 78,500 | 9,420 | 87,920 | 3,925 | 82,425 | 5,495 |
9 | ट्रेलर 5 टन क्षमता | 1,50,000 | 18,000 | 1,68,000 | 7,500 | 1,57,500 | 10,500 |
10 | बीज एवं उर्वरक ड्रिल – 11 टाइन | 46,000 | 5,520 | 51,520 | 2,300 | 48,300 | 3,220 |
11 | बीज एवं उर्वरक ड्रिल – 13 टाइन | 62,500 | 7,500 | 70,000 | 3,125 | 65,625 | 4,375 |
12 | हार्वेस्टर कंबाइन – 14 फीट कट्टर बार | 26,78,571 | 3,21,428 | 30,00,000 | 1,33,928 | 28,12,500 | 1,87,500 |
13 | भूसे की हुकनी – 5 फीट | 3,12,500 | 37,500 | 3,50,000 | 15,625 | 3,28,125 | 21,875 |
14 | सुपर सीडर – 8 फीट | 2,41,071 | 28,928 | 2,70,000 | 12,053 | 2,53,125 | 16,875 |
15 | हैप्पी सीडर – 10 टाइन | 1,51,786 | 18,214 | 1,70,000 | 7,589 | 1,59,375 | 10,625 |
16 | रोतावेटर – 6 फीट | 1,11,607 | 13,392 | 1,25,000 | 5,580 | 1,17,187 | 7,812 |
17 | बैलर स्क्वायर – 6 फीट | 13,39,286 | 1,60,714 | 15,00,000 | 66,964 | 14,06,250 | 93,750 |
18 | मल्चर – 8 फीट | 1,65,179 | 19,821 | 1,85,000 | 8,258 | 1,73,437 | 11,562 |
19 | न्यूमैटिक प्लांटर – 4 लाइन | 4,68,750 | 56,250 | 5,25,000 | 23,437 | 4,92,187 | 32,812 |
20 | ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर – 400 लीटर क्षमता | 1,33,929 | 16,071 | 1,50,000 | 6,696 | 1,40,625 | 9,375 |
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा
कीमत में सीधी कमी – मशीनरी 7–13 प्रतिशत तक सस्ती होने से शुरुआती निवेश घटेगा.
खेती की लागत कम – आधुनिक मशीनों के उपयोग से कम समय में ज्यादा उत्पादन होगा.
किराया दरों में गिरावट – CHC से किराए पर मशीनें लेने वाले छोटे और सीमांत किसान भी बचत करेंगे.
मरम्मत सस्ती – ट्रैक्टर टायर और पार्ट्स पर टैक्स कम होने से मरम्मत का खर्च घटेगा.
किसानों के लिए बड़ा तोहफा
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 सितंबर को जीएसटी कटौती की घोषणा करते हुए कहा था कि आज से नई दरें लागू होंगी. उन्होंने सभी उपकरण निर्माता कंपनियों से अपील की है कि इस कर कटौती का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचाया जाए. इसका मतलब है कि अब मशीनरी की शुरुआती खरीद कीमत कम होगी और साथ ही कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) से किराए पर लेने की सुविधा भी सस्ती पड़ेगी.

सरकार ने कहा है कि पुराने स्टॉक पर एमआरपी भले ही ज्यादा हो, लेकिन ये सामान भी नए रेट के हिसाब से ही मिलेंगे. pc.pexels
सरकार की योजनाओं का सहारा
सरकार पहले से ही किसानों को आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराने के लिए सब-मिशन ऑन एग्रिकल्चरल मेकनाइजेशन (SMAM) योजना चला रही है. इस योजना के तहत देशभर में करीब 30,000 कस्टम हायरिंग सेंटर संचालित हैं, जो किसानों को मशीनें किराए पर सस्ती दरों पर देते हैं. साथ ही मशीन खरीदने पर किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है.
खेती को आधुनिक बनाने की दिशा
कृषि मंत्री चौहान ने हाल में कहा कि खेती की लागत कम करना और उत्पादन बढ़ाना ही किसानों की आय बढ़ाने का सबसे बड़ा रास्ता है. जीएसटी कटौती से मशीनरी की उपलब्धता और किफायत दोनों बढ़ेंगी. इससे खेती में मशीनों का इस्तेमाल बढ़ेगा, उत्पादन क्षमता में सुधार होगा और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा.
आज से लागू यह निर्णय न केवल किसानों की जेब पर बोझ कम करेगा, बल्कि देश में कृषि यंत्रीकरण को नई रफ्तार देने का काम करेगा.
रिपोर्ट- प्रतिभा सारस्वत