प्री-मॉनसून बारिश से बढ़ा खरीफ फसलों का रकबा, अभी तक 3.06 लाख हेक्टेयर में बुवाई

कर्नाटक में इस साल प्री-मॉनसून बारिश सामान्य से 149 फीसदी ज्यादा हुई, जिससे खरीफ फसलों की समय से पहले बुआई शुरू हो गई है. मूंग, गन्ना और तिलहनों की बुआई में वृद्धि हुई है.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 3 Jun, 2025 | 11:54 AM

कर्नाटक में इस साल प्री-मानसून बारिश सामान्य से काफी ज्यादा हुई है, जिससे खरीफ फसलों की जल्दी बुआई शुरू हो गई है. 1 मार्च से 31 मई 2025 तक राज्य में 286 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 115 मिमी से 149 फीसदी ज्यादा है. औसत से ज्यादा बारिश की वजह से किसान समय से पहले बुआई कर रहे हैं. अब तक 3.06 लाख हेक्टेयर जमीन पर खरीफ फसलों की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी समय तक 2.36 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी.

कृषि विभाग ने 2025-26 खरीफ सीजन के लिए कुल 111.4 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें 96.14 लाख टन अनाज और 15.26 लाख टन दालें शामिल हैं. इसके अलावा, राज्य ने खरीफ में 8.68 लाख टन तिलहन उत्पादन का भी लक्ष्य रखा है. हालांकि, प्री-मानसून में अच्छी और व्यापक बारिश के कारण कर्नाटक के कई जिलों में कृषि गतिविधियां तेज हो गई हैं. खेतों की तैयारी और फसलों जैसे ज्वार, मक्का, मूंग, उड़द और कपास की बुआई तेजी से हो रही है.

0.714 लाख हेक्टेयर में मक्के की बुवाई

मक्का की बुआई 31 मई तक 0.714 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 0.274 लाख हेक्टेयर के मुकाबले करीब 160 फीसदी ज्यादा है. कर्नाटक खरीफ मक्का उत्पादन में प्रमुख राज्य है. इसी तरह, ज्वार की बुआई भी बढ़कर 0.147 लाख हेक्टेयर हो गई है, जो पिछले साल 0.129 लाख हेक्टेयर थी. 31 मई तक कुल खाद्यान्न फसलों की बुआई का क्षेत्रफल बढ़कर 0.88 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल यह 0.46 लाख हेक्टेयर था.

दलहन फसलों का बढ़ा रकबा

दालों में किसान इस बार उड़द, मूंग और लोबिया (चवली) की शुरुआती बुआई में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं, जबकि तूर (अरहर) की बुआई थोड़ी पीछे चल रही है. अब तक तूर की बुआई 0.041 लाख हेक्टेयर में हुई है (पिछले साल 0.088 लाख हेक्टेयर). इसी तरह उड़द की बुवाई 0.126 लाख हेक्टेयर ( पिछले साल0.079 लाख हेक्टेयर), मूंग की बुवाई 0.166 लाख हेक्टेयर (पिछले साल 0.164 लाख हेक्टेयर) और लोबिया की बुवाई 0.44 लाख हेक्टेयर हुई है, जो पिछले साल 0.32 लाख हेक्टेयर थी. इस तरह 31 मई तक दालों की कुल बुआई का क्षेत्र 0.78 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.

गन्ने की खेती में किसानों की बढ़ी दिलचस्पी

व्यावसायिक फसलों में किसानों ने इस बार गन्ने की खेती में खास दिलचस्पी दिखाई है. गन्ने की बुआई का क्षेत्र काफी बढ़कर 0.178 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी समय तक यह सिर्फ 0.020 लाख हेक्टेयर था. तंबाकू की बुआई भी लगभग स्थिर रही है, जो  0.667 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि पिछले साल 0.659 लाख हेक्टेयर थी. इसी तरह कपास की बुआई में थोड़ी कमी देखी गई है, जो इस साल 0.255 लाख हेक्टेयर रही, जबकि पिछले साल यह 0.332 लाख हेक्टेयर थी.

सूरजमुखी की बुवाई में गिरावट

तिलहनों की फसलों की बात करें तो कुल बुआई का क्षेत्र बढ़कर 0.284 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 0.227 लाख हेक्टेयर था. किसानों ने इस बार मूंगफली की बुवाई 0.061 लाख हेक्टेयर में की है, जो पिछले साल 0.026 लाख हेक्टेयर थी. इसी तरह तिल 0.071 लाख हेक्टेयर में बोया गया, जो पिछले साल 0.047 में बोया गया था. हालांकि सूरजमुखी की बुआई में थोड़ी गिरावट आई है, जो इस साल 0.128 लाख हेक्टेयर रही, जबकि पिछले साल यह 0.152 लाख हेक्टेयर थी.

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Published: 3 Jun, 2025 | 11:50 AM

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