बरसात का मौसम पोल्ट्री पालन करने वाले किसानों के लिए सबसे कठिन समय होता है. इस दौरान बाड़े में नमी बढ़ जाती है, फर्श गीला हो जाता है. ऐसे में अगर सफाई में थोड़ी भी लापरवाही हुई तो मुर्गियों में बीमारियां तेजी से फैलने लगती हैं. गंदा पानी, खराब दाना और गीला बिछावन ये सभी मिलकर पूरे झुंड को खतरे में डाल सकते हैं. इसलिए अगर आप मुर्गी पालन करते हैं तो बरसात के इस मौसम में खास सतर्कता जरूरी है. क्योंकि, जरा सी लापरवाही पूरे झुंड की सेहत और आपकी कमाई दोनों पर भारी पड़ सकती है.
बाड़े की साफ-सफाई है सबसे अहम
बारिश के मौसम में मुर्गियों के बाड़े की सफाई सबसे जरूरी काम बन जाता है. क्योंकि गीला या गंदा बिछावन फंगस और बैक्टीरिया को जन्म देता है, जो मुर्गियों को तेजी से बीमार कर सकता है. ऐसे में रोजाना बाड़े की सफाई करें और बिछावन को हमेशा सूखा रखें. ध्यान दें कि जहां पानी जमा हो, वहां सूखा चूना या राख जरूर डालें ताकि नमी खत्म हो जाए. इसके अलावा, मुर्गियों को गीले या गंदे स्थान पर न बैठने दें और उनका खाना-पानी हमेशा साफ बर्तनों में ही रखें. थोड़ी सी लापरवाही पूरे झुंड को जोखिम में डाल सकती है.
पेट की गड़बड़ी और संक्रमण का खतरा
बरसात के मौसम में मुर्गियों को सबसे ज्यादा परेशानी पेट से जुड़ी बीमारियों की होती है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गंदा खाना या दूषित पानी पीने से उन्हें दस्त, पेट दर्द और आंतों का संक्रमण हो सकता है. खास बात यह है कि एक बार अगर कोई मुर्गी बीमार हुई तो यह संक्रमण तेजी से पूरे झुंड में फैल सकता है. ऐसे में बचाव के लिए जरूरी है कि मुर्गियों को शाम के समय पिपराजीन साल्ट पिलाएं, जिससे पेट के कीड़े खत्म हों और संक्रमण न फैले. साथ ही, उन्हें हमेशा ताजा और सूखा दाना ही खिलाएं, बासी या सड़ा हुआ खाना कभी न दें.
गंदे पानी से बढ़ता है बर्ड फ्लू का खतरा
बरसात में पानी की टंकी या बर्तन में गंदगी जमना एक आम समस्या है, लेकिन यही लापरवाही मुर्गियों में बर्ड फ्लू जैसी खतरनाक बीमारियों को जन्म दे सकती है. ध्यान दें कि गंदा या संक्रमित पानी पीने से पूरी पोल्ट्री को खतरा हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि बारिश शुरू होने से पहले ही पानी की टंकी को अच्छे से धोकर साफ कर लिया जाए. इसके बाद टंकी में पानी भरते समय उसमें ब्लीचिंग पाउडर या पोटैशियम परमैगनेट मिलाएं. इतना ही नहीं मुर्गियों को हमेशा ताजा, साफ और संक्रमण रहित पानी ही पिलाएं, तभी बीमारी से बचाव संभव है.
बरसात में अतिरिक्त सावधानी जरूरी
इस मौसम में मुर्गियों की देखभाल के लिए थोड़ी अतिरिक्त मेहनत करनी होगी. साफ-सफाई के अलावा बाड़े में रोशनी और हवा का आना-जाना भी जरूरी है. ऐसे में बारिश के दौरान कीचड़ और नमी से मुर्गियों के पंजों में भी फंगस हो सकता है. इसलिए फर्श सूखा रखें. साथ ही, समय-समय पर पशु चिकित्सक से सलाह लेकर वैक्सीनेशन करवाएं.