भारत के विकास के साथ-साथ प्रकृति की सुरक्षा भी अब राष्ट्र की प्राथमिकता बन चुकी है. 22 मई, 2025 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर ‘धरती से रिश्ता, विकास से वादा’ का मंत्र दोहराया. इस दिन का उद्देश्य सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की बात करना नहीं, बल्कि यह संदेश देना है कि विकास तभी सच्चा होगा जब वह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखे. राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड ने भी इस दिन जैव विविधता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जैव विविधता हमारे जीवन का आधार है और इसे बचाना, पृथ्वी को बचाने के समान है.
धरती से रिश्ता, विकास से वादा
22 मई, 2025 को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने जैव विविधता संरक्षण और प्रकृति के साथ सामंजस्य की महत्ता पर जोर दिया. इस दिन राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड, जयपुर ने भी जैव विविधता के संरक्षण और सतत विकास के महत्व को रेखांकित किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल ने ‘धरती से रिश्ता, विकास से वादा’ को एक संकल्प के रूप में पेश किया, जो पर्यावरण संरक्षण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने का मंत्र है.

PM Narendra Modi
जैव विविधता बचाओ
जैव विविधता हमारे जीवन का आधार है. पेड़-पौधे, जन्तु और सूक्ष्म जीव सभी प्रकृति के संतुलन के लिए आवश्यक हैं. जैव विविधता को बचाना मतलब पृथ्वी को बचाना है. इसकी सुरक्षा न केवल पर्यावरण की रक्षा करती है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति की सुंदरता और जीवन को संरक्षित करती है. राजस्थान राज्य जैवविविधता बोर्ड ने भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाई है ताकि जैव विविधता का संरक्षण और पर्यावरण संतुलन बनाए रखा जा सके.
प्रकृति से नाता निभाओ
प्रकृति के साथ सामंजस्य और सतत विकास पर दोनों नेताओं ने विशेष बल दिया. जैव विविधता के संरक्षण से न सिर्फ पर्यावरण की रक्षा होती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्थिरता भी सुनिश्चित होती है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आम जनता, खासकर युवाओं और किसानों से अपील की है कि वे जैव विविधता के संरक्षण के लिए मिलकर काम करें और प्रकृति से अपने नाते को मजबूत बनाएं. यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर और स्वच्छ पर्यावरण की गारंटी देगा.