गर्मी का मौसम आते ही ताजगी भरे फलों की मांग बढ़ जाती है, जिसमें लीची का नाम सबसे ऊपर आता है. लीची अपने मीठे, रसीले स्वाद और खुशबू के लिए जानी जाती है. पहले इसे सिर्फ खास इलाकों में ही उगाया जाता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. बिहार सरकार की रूफटॉप फार्मिंग स्कीम के तहत अब आम लोग भी अपने घर की छत पर लीची और दूसरे फल-सब्जियां आसानी से उगा सकते हैं. यह योजना खासतौर पर शहरों में रहने वाले लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, ताकि सीमित जगह में भी खेती को बढ़ावा दिया जा सके.
इन शहरों में सबसे ज्यादा लीची की खेती
आम तौर पर लीची के पेड़ लगभग 30-50 फीट लंबे होते हैं. हलांकि हम यहां पर पांच फुट ऊंचाई वाले पौधों की लीची किस्म की बात कर रहें हैं. यह पौधा मैदानी इलाके, गर्म और नम जलवायु में अच्छी तरह फलता-फूलता है. भारत के ज्यादातर शहरों खासकर पटना, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा जैसे उत्तर और पूर्वी भागों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. अगर आपके घर की छत पर रोजाना 6-8 घंटे की धूप आती है, तो आप लीची को बड़े गमले या टब में भी उगा सकते हैं.
लीची उगाने का आसान तरीका
घर की छत पर लीची का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले सही किस्म का चुनाव करें भारत में बंगाल, चाइना’ समेत कई किस्में लीची के लिए बेहतर मानी जाती हैं. अपने इलाके की जलवायु को ध्यान में रखते हुए नर्सरी से पौधा लें. इस पौधे को भरपूर धूप की जरूरत होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह पर रखें जहां सीधी रोशनी मिले और हवा का प्रवाह बना रहे.
120 दिन बाद पकती है लीची
मिट्टी की बात करें तो इस पौधे के लिए अच्छी तरह से निथरी हुई (well-drained), थोड़ी अम्लीय (pH 5.0–6.5) मिट्टी की जरूरत होती है. इसके लिए मिट्टी में गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाएं. भारी मिट्टी से बचें क्योंकि पानी जमने से जड़ें खराब हो सकती हैं. इसके साथ ही पौधे के अवशेष और सूखे पत्ते या भूसा डालकर नमी को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है. समय-समय पर फॉस्फोरस और पोटाश वाली खाद डालें. इसके अलावा सूखी और बीमार टहनियों को काटते रहें. इससे पौधा की ग्रोथ अच्छी होती है. फूल आने के 90 से 120 दिन बाद लीची पकती है. जब फल लाल हो जाए तब ही तोड़ें.
रूफटॉप स्कीम के लिए ऐसे करें आवेदन
बिहार सरकार की इस योजना के तहत छत पर गार्डन तैयार करने के लिए 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है. लीची जैसे फलों के अलावा सब्जियां, औषधीय पौधे और फूल भी इसमें शामिल हैं. इस योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक व्यक्ति बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट (https://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/RoofTop/OnlineAppRT.aspx) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने के बाद लाभार्थी को अपनी अंश राशि संबंधित बैंक खाते में जमा करनी होगी. जैसे ही राशि जमा होती है, आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.