जून में खाद की मांग चरम पर, जानिए किस उर्वरक की सप्लाई में आई कमी

15 जून के बाद से देश के 90 फीसदी से अधिक इलाकों में मानसून की अच्छी शुरुआत हुई है. इससे खरीफ बुवाई का काम तेजी से शुरू हो गया है. इस वजह से डीएपी जैसे उर्वरकों की मांग अचानक बढ़ी है. सरकार ने इस पर नजर रखते हुए समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिशें तेज कर दी हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 21 Jun, 2025 | 09:14 AM

जैसे ही देश में मानसून ने रफ्तार पकड़ी, किसानों ने भी खरीफ फसलों की तैयारी में तेजी ला दी है. खेतों की जुताई और बुवाई के साथ ही उर्वरकों की मांग में भी उछाल देखा जा रहा है. खासकर अप्रैल और मई 2025 के दो महीनों में उर्वरकों की बिक्री में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन यह तस्वीर पूरी तरह संतुलित नहीं है, क्योंकि कुछ जरूरी उर्वरकों की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर साफ नजर आ रहा है.

उर्वरक बिक्री में उछाल, लेकिन डीएपी की मांग अधूरी

अप्रैल-मई के दौरान देश में कुल 58.32 लाख टन उर्वरकों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 51.29 लाख टन था. इस दौरान यूरिया की मांग और बिक्री में 12.5 फीसदी, एमओपी में 39.5 फीसदी और जटिल उर्वरकों में 37.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. लेकिन डीएपी की बिक्री में 10.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो चिंता का विषय है.

मई महीने में डीएपी की मांग 9.41 लाख टन तक पहुंच गई थी, जबकि बिक्री सिर्फ 5.69 लाख टन ही हो सकी. यूरिया की मांग भी 26.71 लाख टन रही, लेकिन आपूर्ति 23.6 लाख टन तक सीमित रही. यानी किसानों को इन अहम उर्वरकों की जरूरत के अनुसार पर्याप्त आपूर्ति नहीं मिल पाई.

मानसून की सक्रियता ने बढ़ाई उर्वरकों की जरूरत

15 जून के बाद से देश के 90 फीसदी से अधिक इलाकों में मानसून की अच्छी शुरुआत हुई है. इससे खरीफ बुवाई का काम तेजी से शुरू हो गया है. इस वजह से डीएपी जैसे उर्वरकों की मांग अचानक बढ़ी है. सरकार ने इस पर नजर रखते हुए समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने की कोशिशें तेज कर दी हैं.

उर्वरक उत्पादन घटा, आयात में भी भारी गिरावट

एक ओर मांग बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ उत्पादन और आयात में कमी देखी गई है. अप्रैल-मई में उर्वरकों का कुल उत्पादन 5.1 फीसदी गिरकर 77.8 लाख टन रह गया है. यूरिया का उत्पादन सबसे ज्यादा 13.4 फीसदी घटा है, जबकि डीएपी और जटिल उर्वरकों के उत्पादन में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

उधर, आयात की बात करें तो इस साल अप्रैल-मई में कुल उर्वरक आयात 28 फीसदी गिरकर 15.92 लाख टन रह गया, जो पिछले साल 22.18 लाख टन था. यूरिया, डीएपी और एमओपी तीनों के आयात में भारी गिरावट हुई है, जिससे मांग-आपूर्ति का संतुलन और बिगड़ा है.

सरकार सतर्क

सरकार की ओर से खास निगरानी की जा रही है ताकि किसानों को समय पर उर्वरक मिल सके और बुवाई के काम में कोई बाधा न आए. आने वाले हफ्तों में यह देखना अहम होगा कि मांग के अनुसार उत्पादन और आपूर्ति कितनी संतुलित होती है. क्योंकि खरीफ फसलों की नींव बीज और खाद पर ही देश की कृषि व्यवस्था टिकी होती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%