water storage India: देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश अब लगभग थम चुकी है, लेकिन भारत के बड़े जलाशयों (reservoirs) में पानी का स्तर अभी भी भरपूर है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस हफ्ते देश के 161 प्रमुख जलाशयों में कुल भंडारण क्षमता का 90 प्रतिशत से अधिक पानी मौजूद है. यह स्थिति किसानों और आने वाली रबी फसलों के लिए राहत की खबर लेकर आई है.
जलाशयों में 90 प्रतिशत से अधिक पानी भरा
केंद्रीय जल आयोग के साप्ताहिक बुलेटिन के मुताबिक, इस सप्ताह देश के प्रमुख जलाशयों में कुल भंडारण 90.74 प्रतिशत दर्ज किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 4 प्रतिशत अधिक है. देशभर में कुल 182.49 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) की क्षमता वाले जलाशयों में से इस समय 165.57 BCM पानी मौजूद है. यह औसतन पिछले दस वर्षों के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है.
महाराष्ट्र और पश्चिमी भारत में सबसे बेहतर स्थिति
पश्चिमी भारत के राज्यों में जलाशयों की स्थिति सबसे अच्छी बताई जा रही है. महाराष्ट्र के 17 डैम पूरी तरह लबालब हैं, जबकि गुजरात में जलाशय 96 प्रतिशत क्षमता तक भरे हैं. पश्चिमी क्षेत्र में कुल 97.23 प्रतिशत पानी की स्थिति दर्ज की गई है, जो लगभग पूरी क्षमता के बराबर है.
दक्षिण भारत में भी पर्याप्त भंडारण
दक्षिण भारत के तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी जलाशयों में पर्याप्त पानी भरा है. तमिलनाडु के जलाशय 96.6 प्रतिशत, तेलंगाना के 91.5 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश के 90.4 प्रतिशत तक भरे हैं. हालांकि, कर्नाटक और केरल में यह स्तर क्रमशः 88 और 79.5 प्रतिशत दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के अनुसार, यह भंडारण आने वाले उत्तर-पूर्वी मानसून की बारिश से और बढ़ सकता है.
मध्य भारत में संतुलित स्थिति
मध्य क्षेत्र के 28 प्रमुख जलाशयों में कुल क्षमता का 92 प्रतिशत पानी भरा हुआ है. मध्य प्रदेश के डैम 96 प्रतिशत तक भरे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश के जलाशयों में यह स्तर 76 प्रतिशत तक पहुंचा है. छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में भी जलस्तर सामान्य से बेहतर है.
उत्तर और पूर्व भारत में औसत से अच्छा जलस्तर
उत्तरी भारत के जलाशयों में औसतन 87 प्रतिशत पानी मौजूद है. राजस्थान के डैम 97 प्रतिशत तक भरे हैं, जबकि पंजाब में 85 और हिमाचल प्रदेश में 83 प्रतिशत जलस्तर दर्ज किया गया है. पूर्वी भारत में यह आंकड़ा 83.5 प्रतिशत तक पहुंचा है. ओडिशा के डैम में 88 प्रतिशत पानी भरा है, जबकि पश्चिम बंगाल में यह स्तर केवल 53 प्रतिशत है.
रबी फसलों के लिए राहत
देशभर में जलाशयों का यह उच्च स्तर किसानों के लिए अच्छी खबर है. रबी सीजन की बुवाई शुरू हो चुकी है और पर्याप्त जल भंडारण से सिंचाई की कोई बड़ी समस्या नहीं रहेगी. मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगले सप्ताह उत्तर-पूर्वी मानसून के असर से दक्षिण और पश्चिमी राज्यों में और बारिश होने की संभावना है, जिससे जलाशयों का स्तर और बेहतर हो सकता है.