जामुन सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि किसानों के लिए कमाई का एक शानदार जरिया भी बनता जा रहा है. गुजरात के गोधरा स्थित फोकल कल्टिवेशन ट्रायल स्टेशन ने जामुन की एक खास किस्म को तैयार किया गया हैं. इसे गौमा प्रियंका नाम दिया गया है. यह किस्म सेहत के लिहाज से बेहद फायदेमंद मानी जाती है. इसके साथ ही किसानों को इस किस्म कम देखरेख करनी पड़ती है और पैदावार अच्छी होती है. पाचन के लिए बेहतर होने के साथ ही यह स्वाद में भी बेस्ट बाती गई है.
गुठली छोटी, गूदा ज्यादा
गौमा प्रियंका जामुन को 2010 में गुजरात के गोधरा स्थित फोकल कल्टिवैशन ट्रायल स्टेशन के जरिए तैयार की गई है. यह किस्म खासतौर पर खराब जलवायु वाले क्षेत्रों के लिए बेहतर मानी जाती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें गूदा ज्यादा और बीज बहुत कम होता है, जिससे इसकी प्रोसेसिंग और मार्केट वैल्यू भी काफी बढ़ जाती है. इसके अलावा यह जामुन बारिश के मौसम यानी जुलाई से अगस्त के बीच बहुत कम समय के लिए दिखते है, जिस कारण बाजार में इसकी मांग भी हमेशा बनी रहती है.
3 लाख रुपये कमा सकते हैं किसान
किसान जामुन की इस किस्म का उत्पादन करके सालाना 2 से 3 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. इसके पौधे तेजी से बढ़ते है और इन पौधे की ऊंचाई भी काफी कम होती है. वहीं इसके पौधे को घनी बागवानी (हाई डेंसिटी प्लांटेशन) के लिए भी बेस्ट माना गया है. गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों के किसान इस किस्म की खेती को तेजी से अपना रहें हैं.
कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर
जामुन की इस किस्म में आयरन, विटामिन C, पोटैशियम, और फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं यह न सिर्फ पाचन तंत्र को ठीक रखता है, बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल, और बीमारियों से लड़ने की क्षमता को भी बेहतर करता है. इसकी एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण इसे एक औषधीय फल भी बनाते हैं. वहीं इस फल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, जिस कारण यह डायबिटीज मरीजों के लिए भी सुरक्षित माना जाता है.