संतरा की खेती करने वाले बागवानों की कमाई बढ़ाने के साथ ही उपभोक्ताओं को अच्छे उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए संतरा क्लीन सेंटर बनाने की घोषणा की गई है. संतरा संस्थान नागपुर के दौरे पर 25 मई को पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि संतरा का इस्तेमाल कई तरह के उत्पादों में किया जाता है. इसके छिलके को ब्यूटी प्रोडक्ट और दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए क्लीन सेंटर बनेगा, ताकि संतरे को बर्बाद होने से बचाकर कई तरह से इस्तेमाल में लाया जा सके. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि छोटे और मीठे स्वाद वाले संतरों की नई किस्में वैज्ञानिक विकसित करने में जुटे हैं.
नागपुर स्थित संतरा संस्थान में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बीज विकास समेत अन्य प्रोजेक्ट को देखा. यहां पर उन्होंने कहा कि आज नागपुर संतरा इंस्टीट्यूट में आकर मैं प्रसन्न हूं. उन्होंने कहा कि संतरा की खेती से उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक जुटे हुए हैं. प्रति हेक्टेयर उत्पादन कैसे बढ़े, अच्छी गुणवत्ता कैसे आए इस ओर हमारा संस्थान कार्य कर रहा है.
नागपुर में संतरा क्लीन प्लांट सेंटर शुरू होगा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि हमने फैसला किया है कि हम नागपुर में संतरे की खेती के लिए एक क्लीन प्लांट सेंटर प्रारंभ करेंगे. संस्थान के कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक में यह बात सामने रखी गई की संतरे का जूस तो उपयोगी है ही लेकिन उसका छिलका भी उपयोगी है. इससे सौंदर्य उत्पादों से लेकर दवाईयां भी बनती हैं, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है. संतरा की क्लीनिंग सही तरीके से होगी तो बर्बादी रुकेगी. इसके लिए संतरा क्लीन प्लांट सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है.
संतरा की छोटी किस्में विकसित कर रहे वैज्ञानिक
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को संतरा की उन्नत किस्मों को विकसित करने को कहा गया है. जिनमें रोग ना हो, वायरस न हो. कृषि मंत्री ने कहा कि छोटा संतरा तेजी से पॉपुलर हो रहा है, उसे छीलो और खा जाओ. ये काफी मीठे भी होते हैं. इस तरह की वैरायटी विकसित करने के लिए साइंटिस्ट लगे हुए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारा विकसित कृषि संकल्प अभियान 29 मई से 12 जून तक चलेगा. इसके तहत हमारे वैज्ञानिक किसानों के द्वार पर जा रहे हैं, जहां वे किसानों को प्रशिक्षित करेंगे.
संतरा की शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर चल रहा काम
इससे पहले इस साल जनवरी में मेघालय में ICAR-RC-NE के गोल्डन जुबली और फार्मर्स एक्सपो के उद्घाटन में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संतरा और केला की शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा कि अनानास, संतरा और केले की शेल्फ लाइफ कैसे बढ़े, इस पर ICAR की टीमें क्लस्टर बनाकर काम कर रही हैं. उन्होंने वेल्यू एडिशन की जरूरत बताते हुए छोटी यूनिटों को लगाने के लिए किसानों और कारोबारियों को प्रेरित किया था.
एक एकड़ में 40 टन संतरा होना चाहिए
इससे पहले नवंबर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने फर्टिलाइजर से लेकर ड्रोन जैसी सभी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके संतरा उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि नागपुर में संतरा के लिए फार्मर प्रोड्यूसर्स कंपनी बनने से किसानों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हम संतरे को टेबल फ्रूट के रूप में बेचना चाहते हैं. उन्होंने संतरा किसानों से कहा कि एक एकड़ में कम से कम 40 टन संतरे का उत्पादन होना चाहिए. संतरे का 80 फीसदी हिस्सा अच्छा होना चाहिए. संतरे के पेड़ को रोगमुक्त होना जरूरी है और इसके लिए संतरे का एक अच्छा बगीचा और नर्सरी बनानी चाहिए. उन्होंने 50 नर्सरी बनाकर संतरा, मोसम्बी, नीबू की नई पौध तैयार करने पर जोर दिया था.