सहकारिता मंत्रालय के 4 साल पूरे होने पर अमित शाह का बड़ा बयान, बताई आगे की क्या है तैयारी

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सहकारिता मंत्रालय के 4 वर्ष पूरे होने पर कहा कि सहकारिता भारत की प्राचीन परंपरा है. देश में 8.4 लाख समितियों से 31 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं.

नोएडा | Updated On: 6 Jul, 2025 | 02:17 PM

सहकारिता मंत्रालय के 4 साल पूरे होने पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and Cooperation Minister Amit Shah) ने कहा कि भारत में सहकारिता वैदिक काल से ही चली आ रही है. पंचायत, समिति, चौपाल, भंडारा, लंगर, साझा चूल्हा और सहभोज हमारे देश की परंपरा और संस्कार हैं, जो सहकारिता की मजबूती को दर्शाते हैं. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 साल पहले 6 जुलाई को उन संस्कारों को स्थाई रूप देते हुए देश में पहली बार अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का निर्णय लिया. अमित शाह ने कहा कि अभी देश में 8 लाख 40 हजार से ज्यादा सहकारिता समितियां चल रही हैं. इन समितियों से 31 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं.

गुजरात के आणंद जिले में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दूध से लेकर बैंकिंग तक, चीनी मिलों से लेकर मार्केटिंग तक और कैश क्रेडिट से लेकर डिजिटल पेमेंट तक आज सहकारिता समितियां देश के विकास में अहम योगदान दे रही हैं. उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के चार साल में 60 से ज्यादा पहले की गई हैं. खास बात यह है कि इन सारी पहलें 5 P पर आधारित है. सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहला P है People से. इसका लाभार्थी देश की जनता होगी. दूसरा पी है पैक्स से (मतलब प्राथमिक सहकारिता मंडियों को हम मजबूत कर रहे हैं). उन्होंने कहा कि इसी तरह तीसरा पी है प्लेटफॉर्म से, चौथा पी है पॉलिसी के लिए और पांचवा पी है प्रोस्पेरिटी से.

80 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर

गृह मंत्री ने कहा कि 36 लाख बहनें गुजरात और 20 लाख बहनें देश में रोज दूध बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. उन्होंने कहा कि 80 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर है. अगले साल बैलेंस सीट 1 लाख करोड़ रुपये की आएगी. इसका लाभ सीधे इन बहनों को मिलेगा. अमित शाह ने कहा कि प्रोस्पेरिटी एक व्यकित की नहीं है, बल्कि पूरे समाज और देश की है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने सहकारिता में 60 नई पहले शुरू की हैं. उन्होंने कहा कि कच्छ जिला सहकारी समिति ने एक मॉदल समिति की शुरुआत की है, जो आने वाले दिनों में हर मजदूर के लिए अमूल की तरह एक सशक्त कॉपरेटिव आंदोलन बनेगा.

कल रखी थी यूनिवर्सिटी की आधारशिला

वहीं, कल अमित शाह ने आणंद जिले में देश की पहली सहकारी क्षेत्र की राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी ‘त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (TSU) की आधारशिला रखी थी. यह यूनिवर्सिटी आनंद कृषि विश्वविद्यालय के पास स्थित वॉटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के परिसर में 125 एकड़ रुपये की लागत से बनाई जाएगी. अगले पांच सालों में यह यूनिवर्सिटी प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी (PACS), डेयरी, मछली पालन जैसी करीब 20 लाख सहकारी संस्थाओं के कर्मियों को ट्रेनिंग देगी.

Published: 6 Jul, 2025 | 02:09 PM