रविंद्र काबरा ने घर को देश-विदेश के फूलों से महकाया, नाम दिया ‛गोकुल द वैली ऑफ फ्लॉवर्स’

रविंद्र काबरा ने बताया कि उन्होंने अपने घर में साढ़े तीन हर हजार वर्ग फुट में बना रखा है.उन्होंने बताया कि उनके घर के बाहर लगभग 5 हजार पेड़-पौधों का गार्डन है और टेरेस पर लगभग 1400 अलग-अलह तरह के पेड़-पौधे हैं.

लखनऊ | Published: 4 Jul, 2025 | 10:45 PM

क्या आपने कभी सोचा है कि कैसा हो अगर आप दिनभर की थकान के बाद जब अपने घर आएं तो खूबसूरत फूलों से भरा एक बगीचा हो जिसमें अपनों के साथ चाय की चुसकी लेते हुए आप दिनभर की थकान दूर करें. शायद ये किसी सपने जैसे लग रहा होगा लेकिन राजस्थान के जोधपुर में एक ऐसा घर है जहां आपके देश-विदेश के तमाम खूबसूरत फूल देखने को मिलेंगे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के जोधपुर जिले के रहने वाले मशहूर गार्डनर रबीन्द्र काबरा की, जिन्होंने अपने घर को देश ही नहीं विदेशी फूलों से महका रखा है.घर के गेट पर पहुंचते ही सबसे पहले रंग -बिरंगे फूलों वाले पेड़ आपका स्वागत करते हैं . उनके घर में प्रवेश करते ही एक भीनी-भीनी खुशबू आती है जिसकी खुशबू से मन चहक उठता है और सारी थकान मानो छू मंतर हो जाती है.

3.5 हजार वर्ग फुट में बना है गार्डन

‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए रविंद्र काबरा ने बताया कि उन्होंने अपने घर में साढ़े तीन हर हजार वर्ग फुट में बना रखा है.उन्होंने बताया कि उनके घर के बाहर लगभग 5 हजार पेड़-पौधों का गार्डन है और टेरेस पर लगभग 1400 अलग-अलह तरह के पेड़-पौधे हैं. रविंद्र काबरा ने बताया कि उन्होंने गार्डनिंग की प्रेरणा अपने दादाजी से पाई और उन्हीं के नाम पर अपने गार्डन का नाम दिया- ‛गोकुल – द वैली ऑफ फ्लॉवर्स’. इस गार्डन की खास बात ये है कि इसकी देखभाल रबिंद्र काबरा खुद करते हैं. उन्होने बताया कि सुबह 5 बजे से दिन के 11 बजे तक और फिर शाम में 4 बजे से रात 9 बजे तक अपने गार्डन की देखभाल करना उन्होंने अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है.

Rabindra Kabra

गोकुल- द वैली ऑफ फ्लॉवर्स

खुद करते हैं गार्डन की देखभाल

गार्डनर रबीन्द्र काबरा ने बताया कि अपने गार्डन की देखभाल के लिए उन्होंने किसी भी माली या नौकर को नहीं रखा है. वे बताते हैं कि गार्डन में लगे पेड़- पौधों के लिए मिट्टी तैयार करने से लेकर खाद डालने तक का काम , सब वे खुद ही करते हैं. जिसमें पेड़-पौधों की कटिंग या प्रूनिंग भी शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वे प्रोफेशनल तौर पर अपने गार्डन की लैंडस्केप डिजाइनिंग भी करते हैं. रबिंद्र बताते हैं कि अगर कोई गार्डनिंग का शौक रखता हो तो छोटी जगह में भी इसकी शुरूआत की जा सकती है.

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गार्डन में लगे हैं देश-विदेश के फूल

गार्डनिंग को लेकर दी सलाह

रवींद्र काबरा ने बताया कि बहुत से फूल ऐसे होते हैं जो दिखने में तो खूबसूरत होते हैं लेकिन उनमें खुशबू नहीं होती है. इसलिए आपका गार्डन ऐसा होना चाहिए जिसमें अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे हों ताकि आपका गार्डन खुशबूदार होने के साथ-साथ मन मोहक और आकर्षक भी लगे. उन्होंने बताया कि जूही, मोगरा और चमेली– ये तीन ऐसे पौधे हैं जिन्हें बेल और पेड़, दोनों रूप में लगाया जा सकता है. अगर आप चाहते हैं कि ये बेल बनें तो आपको इन्हें सपोर्ट देना होगा और अगर गमले में पेड़ रूप में रखना है तो आप इनकी कटिंग करते रहें.

इसके अलावा जूही का पौधा बारिश के मौसम में खिलता है और मोगरा अप्रैल से अगस्त तक. साथ ही उन्होंने सलाह दी कि आप रातरानी, मधुकामिनी और गार्डेनिया जैसे फूलों के पेड़ भी लगा सकते हैं. इनकी खुशबू भी काफी मनमोहक होती है और ये घर को आकर्षक भी बनाते हैं. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.