एयर इंडिया ने आमों को दिए पंख, एक महीने में 1,000 टन से ज्यादा निर्यात

एयर इंडिया ने बताया कि पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में 15% ज्यादा आमों का एक्सपोर्ट हुआ. मई में भी निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली, क्योंकि आम का सीजन अपने चरम पर है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 31 May, 2025 | 02:04 PM

गर्मियों का मौसम यानी आम का मौसम! और जब बात हो भारत के आम की, तो अल्फांसो से लेकर दशहरी तक, इनका स्वाद दुनियाभर में मशहूर है. यही वजह है कि इस बार एयर इंडिया ने आमों के निर्यात में बड़ी छलांग लगाई है. अप्रैल 2025 में एयर इंडिया ने 1,000 टन से भी ज्यादा आम विदेशों में भेजे और मई में यह आंकड़ा और ऊपर गया है.

विदेशों में भारतीय आमों की बढ़ती मांग

ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, यूएई और नीदरलैंड जैसे देश भारतीय आमों के दीवाने हैं. सबसे ज्यादा डिमांड अल्फांसो, सफेदा (बंगानपल्ली) और दशहरी किस्म की है. इनकी मिठास और खुशबू विदेशी ग्राहकों को बार-बार खरीदने पर मजबूर कर देती है.

निर्यात में 15% की बढ़ोतरी

एयर इंडिया ने बताया कि पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में 15% ज्यादा आमों का एक्सपोर्ट हुआ. मई में भी निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली, क्योंकि आम का सीजन अपने चरम पर है. हालांकि, जल्दी बरसात के चलते जून में थोड़ी गिरावट आने की आशंका है.

उड़ानों और तकनीक का मिला साथ

आमों की ताजगी को बरकरार रखते हुए तेजी से विदेश भेजने में एयर इंडिया ने फ्लाइट्स और तकनीक की मदद ली. लंदन और टोरंटो जैसे रूट्स पर उड़ानों की संख्या बढ़ाई गई है. मुंबई-लंदन रूट पर अब बड़े बोइंग 777 विमानों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे ज्यादा माल एक साथ भेजा जा सकता है.

फल-सब्जी से कार्गो कमाई

एयर इंडिया के अंतरराष्ट्रीय कार्गो राजस्व में फल और सब्जियों का हिस्सा लगभग 22% है. जल्दी खराब होने वाले उत्पादों का विदेशों में सुरक्षित ढंग से भेजा जाना, कंपनी के लिए एक बड़ा कमाई का जरिया बनता जा रहा है.

निर्यात में आई कुछ अड़चनें

जहां एक तरफ निर्यात में बढ़त दिखी, वहीं कुछ परेशानियां भी सामने आईं. हाल ही में अमेरिका के सीमा शुल्क विभाग ने दस्तावेजों में गड़बड़ी के चलते लगभग 15 खेपों को खारिज कर दिया. अमेरिका भेजे जाने वाले आमों को विकिरण प्रक्रिया से गुजारना होता है, ताकि उनकी शेल्फ लाइफ बढ़े और कीट नष्ट हों. लेकिन इस बार डॉक्यूमेंट्स में तकनीकी खामी के कारण खेप लौटा दी गई.

व्यापारियों का कहना है कि इसमें भारतीय निर्यातकों की कोई गलती नहीं थी, लेकिन इससे देश की छवि और आम व्यापार को झटका जरूर लगा है. एयर इंडिया ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.

एयर इंडिया की खास व्यवस्था

हालांकि एयर इंडिया ने साफ किया है कि वो जल्दी खराब होने वाले फलों के ट्रांसपोर्ट में पूरी सावधानी बरतती है. आमों को विमान में लोड करने से पहले एपीडा (APEDA) प्रमाणित कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. इसके अलावा, एयरपोर्ट पर थर्मल कंबल और मोबाइल रेफ्रिजरेटेड यूनिट्स की मदद से यह सुनिश्चित किया जाता है कि फल हमेशा ठंडे रहें और उनकी ताजगी बरकरार रहे. यह उपाय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय आम की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करते हैं.

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