अक्टूबर में लहसुन की खेती के समय जरूर करें ये 7 काम, होगी बंपर पैदावार

उत्तर भारत में अक्टूबर से नवंबर का समय सबसे उपयुक्त होता है, जबकि दक्षिण भारत में सितंबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक लहसुन लगाया जा सकता है. सही समय पर बोने से पौधे ठंड और हल्की रोशनी में अच्छी ग्रोथ करते हैं और कलियों का आकार भी बड़ा होता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 16 Oct, 2025 | 03:41 PM

Garlic Farming: लहसुन भारतीय रसोई की जान है. इसका स्वाद ही नहीं, बल्कि औषधीय गुण भी इसे खास बनाते हैं. अक्टूबर का महीना लहसुन की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस समय बोया गया लहसुन ठंडी मौसम में अच्छी तरह विकसित होता है और फसल भरपूर होती है. चाहे आप किसान हों या घर पर बगिया में लहसुन उगाना चाहते हों, सही तरीके और समय पर लगाई गई फसल अच्छी उपज देती है. तो चलिए जानते हैं कैसे करें लहसुन की खेती.

लहसुन लगाने का सही समय

उत्तर भारत में अक्टूबर से नवंबर का समय सबसे उपयुक्त होता है, जबकि दक्षिण भारत में सितंबर के अंत से नवंबर की शुरुआत तक लहसुन लगाया जा सकता है. सही समय पर बोने से पौधे ठंड और हल्की रोशनी में अच्छी ग्रोथ करते हैं और कलियों का आकार भी बड़ा होता है.

किस्में और बीज का चयन

लहसुन की दो मुख्य किस्में हैं-अग्रेगेटम ग्रुप जिसमें छोटी कलियां होती हैं और जल्दी पकती हैं, और सैटिवम ग्रुप जिसमें बड़ी कलियां और बेहतर उपज मिलती है. उत्तर भारत में G-1, G-282 और G-50 किस्में लोकप्रिय हैं. बीज के रूप में स्वस्थ और मोटी कलियां चुनें. प्रति हेक्टेयर लगभग 500-600 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. बीज बोने से पहले 24 घंटे खुली हवा में रखें और फफूंद से बचाव के लिए थायरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित करें.

भूमि की तैयारी और बोआई

दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो, लहसुन के लिए उपयुक्त है. खेत को 2-3 बार गहरी जुताई के बाद मिट्टी को भुरभुरी बनाएं और गोबर या वर्मी कंपोस्ट मिलाएं. कतार से कतार की दूरी 15-20 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेमी रखें. बीज की नोक ऊपर रखें और हल्के हाथ से दबाएं.

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

पहली सिंचाई बोआई के तुरंत बाद करें, फिर हर 10-15 दिन में हल्की सिंचाई करें. अधिक पानी से बचें, अन्यथा सड़न की समस्या हो सकती है. निराई-गुड़ाई 25-30 दिन बाद और फिर 45-50 दिन बाद करें.

खाद, उर्वरक और रोग नियंत्रण

प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन 100 किग्रा, फॉस्फोरस 50 किग्रा और पोटाश 50 किग्रा दें. नाइट्रोजन आधा बोआई के समय और आधा 30 दिन बाद. झुलसा रोग और सफेद सड़न के लिए कार्बेन्डाजिम या मैंकोजेब का छिड़काव करें. कीटों के लिए नीम तेल या उपयुक्त कीटनाशक का प्रयोग करें.

कटाई, सुखाना और भंडारण

जब 50-60 फीसदी पत्तियां पीली हो जाएं, तो फसल काटें. लहसुन को छायादार जगह में 7-10 दिन सुखाएं. अच्छे हवा वाले और सूखे स्थान पर जालीदार बोरियों में स्टोर करें.

उत्पादन और लाभ

सही कृषि विधियों के पालन पर प्रति हेक्टेयर 40-60 क्विंटल तक उत्पादन संभव है. अक्टूबर में लहसुन की खेती करके न केवल उपज बढ़ाई जा सकती है, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है. घर पर उगाने पर ताजा और जैविक लहसुन हमेशा उपलब्ध रहेगा.

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