बाजार में फर्जी देसी अंडों की भरमार, जानें कैसे पहचानें असली ताजा अंडे

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक ऐसा ही मामला पकड़ा गया, जहां सफेद अंडों को कृत्रिम रंग लगाकर देसी अंडों की तरह बेचने की तैयारी की जा रही थी. खाद्य विभाग ने मौके से लाखों अंडे जब्त भी किए. ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कि असली और नकली अंडे में फर्क कैसे किया जाए.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 28 Nov, 2025 | 08:16 AM

सर्दियों के मौसम में अंडा लोगों की रोजमर्रा की डाइट का खास हिस्सा बन जाता है. सुबह का नाश्ता हो, दोपहर की डाइट हो या जिम के बाद प्रोटीन की जरूरत, अंडा हर जगह फिट बैठता है. इसमें मौजूद प्रोटीन, विटामिन D, B12, ओमेगा-3 और जिंक इसे पूरे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद बनाते हैं. लेकिन इसी बढ़ती मांग के बीच एक चिंता तेजी से सामने आ रही है-बाजार में नकली, रंगे हुए और केमिकल से तैयार किए गए “देसी अंडों” की बिक्री बढ़ गई है.

हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक ऐसा ही मामला पकड़ा गया, जहां सफेद अंडों को कृत्रिम रंग लगाकर देसी अंडों की तरह बेचने की तैयारी की जा रही थी. खाद्य विभाग ने मौके से लाखों अंडे जब्त भी किए. ऐसे में जरूरी है कि आप जानें कि असली और नकली अंडे में फर्क कैसे किया जाए, ताकि आपकी सेहत पर किसी तरह का खतरा न हो.

नकली अंडों का बढ़ता खतरा

बाजार में देसी अंडे सफेद अंडों की तुलना में महंगे बिकते हैं. इसी वजह से कई जगह सामान्य अंडों को चाय पत्ती, रंग और यहां तक कि सिन्दूर मिलाकर देसी जैसा बनाया जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार, इन रंगों में लैड (शीशा) और कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद हानिकारक होते हैं.

इन रंगों का लंबे समय तक सेवन—

  • लीवर पर असर डाल सकता है
  • किडनी के लिए नुकसानदायक है
  • शरीर में टॉक्सिन बढ़ा सकता है
  • बच्चों में पेट की समस्या और एलर्जी का कारण बन सकता है, इसीलिए नकली अंडों की पहचान करना बेहद जरूरी है.

कैसे पहचानें असली और नकली अंडा?

अंडे की पहचान के कई सरल और घरेलू तरीके हैं, जिन्हें जानकर आप आसानी से खुद फैसला कर सकते हैं कि अंडा असली है या नकली.

1. पानी में अंडा डालकर पहचानें

  • एक गिलास पानी लें और उसमें अंडा डालें.
  • असली अंडा पानी में डूब जाता है और एक तरफ लेट जाता है.
  • पुराना लेकिन खाने योग्य अंडा नीचे रहेगा, पर ऊपर का सिरा थोड़ा उठेगा.
  • नकली या खराब अंडा पानी की सतह पर तैरने लगेगा.
  • तैरता अंडा कभी न खाएं.

2. छिलके से भी हो जाती है पहचान

असली देसी अंडे का छिलका हल्का खुरदरा और दानेदार होता है. वहीं नकली अंडा चमकदार और बहुत चिकना दिखता है, क्योंकि रंग लगाने के बाद वह चमकने लगता है.

3. हिलाने पर आवाज आना

अंडे को कान के पास हिलाएं.असली अंडा आवाज नहीं करेगा क्योंकि अंदर का तरल गाढ़ा होता है. नकली अंडा हिलाने पर हल्की “छप-छप” जैसी आवाज देता है.

4. स्वाद और गंध से पहचानें

असली देसी अंडे में प्राकृतिक हल्का नमकीन स्वाद होता है. नकली रंगे हुए अंडों में अक्सर चाय पत्ती या रसायन की एक हल्की गंध आती है. अगर पकाते समय अंडे से अजीब सी महक आए तो तुरंत फेंक दें.

5. घिसकर रंग देखें

नकली देसी अंडे के छिलके को नाखून या कपड़े से हल्का घिसें. अगर रंग उतरने लगे तो समझ जाएं यह नकली है. असली देसी अंडे में ऐसा कभी नहीं होता.

देसी अंडों की मांग क्यों बढ़ती है?

गांवों में पाली गई देसी मुर्गियों के अंडे पोषण से भरपूर माने जाते हैं. इनका जर्दी रंग गहरा होता है, स्वाद बेहतर होता है और इन्हें प्राकृतिक तरीके से पाला जाता है. इसी वजह से इनकी कीमत भी अधिक होती है. कई ग्रामीण हर दिन 20–40 देसी अंडे बेचकर अच्छी आमदनी भी करते हैं. बढ़ती मांग का फायदा उठाकर ही कई फर्जी लोग बाजार में नकली रंगे अंडे सप्लाई करने की कोशिश करते हैं.

अपनी सेहत के लिए सतर्क रहें

अंडा जितना पौष्टिक है, नकली अंडा उतना ही हानिकारक. हमेशा भरोसेमंद दुकान, किसान या सप्लायर से ही अंडे खरीदें. अगर कोई अंडा बहुत ज्यादा चमकदार, बहुत हल्का या गंध वाला लगे तुरंत बदलवा दें. आप जितने जागरूक रहेंगे, बाजार में नकली अंडों का धंधा उतना ही कम होगा.

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