Poultry farming : अगर आप खेती-बाड़ी के साथ कोई ऐसा काम करना चाहते हैं, जिससे हर महीने पक्की आमदनी हो तो सोनाली मुर्गी पालन आपके लिए बेहतर विकल्प बन सकता है. यह देसी लुक वाली हाइब्रिड मुर्गी कम खर्च में ज्यादा अंडा और मांस उत्पादन देती है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती और यह देसी जलवायु में आसानी से पनप जाती है. आइए जानते हैं सोनाली मुर्गी की खासियत, पहचान और इससे होने वाले मुनाफे की पूरी जानकारी.
क्या है सोनाली मुर्गी की खासियत?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोनाली मुर्गी एक हाइब्रिड नस्ल है, जिसे रोड आइलैंड रेड (Rhode Island Red) और डेजी लेघॉर्न (Desi Leghorn) को मिलाकर तैयार किया गया है. दिखने में यह बिल्कुल देसी मुर्गियों जैसी लगती है, लेकिन उत्पादन क्षमता में यह ब्रायलर मुर्गियों से भी आगे है. यह नस्ल तेजी से वजन बढ़ाती है और कम चारे में ज्यादा उत्पादन देती है. यही वजह है कि किसान इसे देसी स्वाद वाली हाइब्रिड मुर्गी कहते हैं.
कम खर्च में ज्यादा फायदा
सोनाली मुर्गी पालन के लिए महंगे चारे या विशेष फार्मिंग की जरूरत नहीं होती. किसान घर पर बने चारे या खेत से बचे अवशेषों से भी इसे पाल सकते हैं. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, इसलिए दवाइयों पर खर्च बहुत कम आता है. गर्मी, सर्दी या बरसात-यह किसी भी मौसम में खुद को अनुकूल बना लेती है. कम निवेश में यह किसानों को नियमित आय का मौका देती है, इसलिए आज यह ग्रामीण भारत में रोजगार और आत्मनिर्भरता का नया रास्ता खोल रही है.
अंडों का उत्पादन और बाजार मांग
सोनाली मुर्गी साल में लगभग 180 से 200 अंडे देती है. इसके अंडों की कीमत 8 से 12 रुपए प्रति अंडा तक होती है, जो देसी अंडों के बराबर मानी जाती है. इसका अंडा न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि प्रोटीन से भरपूर भी होता है. ग्रामीण और शहरी दोनों बाजारों में सोनाली अंडों की मांग तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि उपभोक्ता अब देसी अंडों की ओर लौट रहे हैं.
मांस उत्पादन से बढ़ा मुनाफा
सोनाली मुर्गी सिर्फ अंडों से नहीं, बल्कि स्वादिष्ट और कम चिकनाई वाले मांस से भी किसानों को अच्छा लाभ देती है. 2 से 3 महीने में इसका वजन 1.5 से 2 किलो तक पहुंच जाता है. एक मुर्गे या मुर्गी की कीमत बाजार में 250 से 500 रुपए तक रहती है. यदि कोई किसान 100 सोनाली मुर्गियां पालता है, तो वह 4 महीनों में 60,000 से 1 लाख रुपए तक की आमदनी कमा सकता है. इसलिए यह नस्ल छोटे किसानों के लिए बड़े मुनाफे का जरिया बन गई है.
सोनाली मुर्गी पालन के फायदे
- कम लागत में ज्यादा उत्पादन:- घर पर बने चारे से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं.
- हर मौसम में पालन योग्य:- भारतीय जलवायु के अनुरूप अनुकूल होती है.
- कम बीमारी का खतरा:- मजबूत प्रतिरोधक क्षमता से जोखिम कम.
- देसी स्वाद, बढ़ी मांग:- उपभोक्ता इसे देसी मुर्गी जैसा ही पसंद करते हैं.
- तेजी से बढ़ने वाली नस्ल:- कम समय में वजन और उत्पादन दोनों में बढ़ोतरी.