गेहूं बुवाई से पहले कर लें ये छोटा सा काम, बढ़ जाएगी पैदावार.. केवल 100 रुपये होंगे खर्च

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, गेहूं में कुछ बीमारियां बीज के जरिए ही फैलती हैं. इन बीमारियों में से करनाल बंट बहुत घातक रोग है. यह एक बीज जनित रोग है और इसका असर बाली बनने के समय नजर आता है. इसी रह लूज स्मट एक की फफूंदी है और बीज में चुपचाप मौजूद रहती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 22 Oct, 2025 | 12:06 PM

Wheat sowing: धान कटाई के साथ ही रबी सीजन की शुरुआत हो गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्यों में किसान गेहूं की बुवाई करने के लिए खेत की जुताई कर रहे हैं. हालांकि, कई किसानों ने बुवाई भी शुरू कर दी है. लेकिन वे बुवाई से पहले बीज का शोधन नहीं कर रहे हैं. इससे बीज सही तरह अंकुरित नहीं होंगे और रोग लगने की संभावना भी पढ़ जाएगी. इसलिए किसान गेहूं की बुवाई करने से पहले बीज का शोधन जरूर करें. अगर किसान बीज का शोधन करते हैं, तो गेहूं की पैदावार बढ़ जाएगी.

दरअसल, कई बार देखा गया है कि गेहूं की फसल में बीमारियां  या खराब उत्पादन की समस्याएं शुरू से ही आ जाती हैं. इसका एक बड़ा कारण यह है कि किसान बिना बीज शोधन के ही जल्दी में बुवाई कर देते हैं. इस एक छोटी सी गलती से पूरी फसल पर असर पड़ता है और बाजार में अच्छे दाम भी नहीं मिल पाते हैं. इसलिए अगर आप अच्छी और सुरक्षित फसल चाहते हैं, तो बुवाई से पहले बीज का शोधन जरूर करें. एक्सपर्ट के मुताबिक, बीज शोधन करने से खराब और हल्का बीज ऊपर तैर जाता है, जिसे आप हटा सकते हैं. अच्छा और भारी बीज नीचे बैठता है, जो बुवाई के लिए उपयुक्त होता है. खास बात यह है कि बीज शोध  में बहुत अधिक खर्च भी है. किसान घर बैठे खुद से ही बीज का शोधन कर सकते हैं.

क्यों जरूरी है बीज का शोधन

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, गेहूं में कुछ बीमारियां बीज के जरिए ही फैलती हैं. इन बीमारियों में से करनाल बंट बहुत घातक रोग है. यह एक बीज जनित रोग है और इसका असर बाली बनने के समय नजर आता है. इसी तरह लूज स्मट भी एक फफूंदी है और बीज में चुपचाप मौजूद रहती है. यह बीमारी फसल की बाली निकलते समय दिखती है और उत्पादन व गुणवत्ता दोनों पर असर डालती है. इसलिए किसान गेहूं की बुवाई करने से पहले बीज का शोधन जरूर करें. एक्सपर्ट के मुताबिक, बीज शोधन में बहुत ज्यादा खर्च नहीं आता है. लगभग 100 रुपये प्रति एकड़ खर्च कर किसान बीज का शोधन कर सकते हैं. यह खर्च फफूंदी नाशक दवा  पर होता है, जो बीज में मौजूद फफूंद को खत्म कर देती है.

कैसे करें बीज का शोधन

  • सबसे पहले गेहूं के बीज को किसी बर्तन या घड़े में डालें.
  • उसमें फफूंदी नाशक दवा मिलाएं.
  • बिना पानी के ही बीज पर दवा की हल्की परत चढ़ा दें.
  • दवा बीज में अच्छी तरह अवशोषित होनी चाहिए, ताकि अंदर की फफूंदी नष्ट हो जाए.
  • अगर आपके पास समय कम है और तुरंत बुवाई करनी है, तो बीज में हल्का सा पानी का छींटा मारें और फिर फफूंदी नाशक मिलाकर बीज शोधन कर लें
  • कुल मिलाकर, बीज शोधन एक छोटा सा कदम है लेकिन फसल की सफलता के लिए बहुत बड़ा फायदा देता है.

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