एक गलती और बकरियां बीमार! नहीं मानीं ये 6 बातें तो मानसून में होगा भारी नुकसान

मानसून में बकरियों की देखभाल में जरा सी लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है. ऐसे में सावधानी बरतना जरूरी है, ताकि पशुपालकों की आमदनी पर भी असर न पड़े.

नोएडा | Published: 2 Jul, 2025 | 04:03 PM

बरसात का मौसम जहां खेतों के लिए वरदान होता है, वहीं अगर पशुपालक जरा सी भी लापरवाही कर दें तो यह मौसम बकरियों के लिए जानलेवा भी बन सकता है. गीली जमीन, कीड़े-मकोड़े और गंदगी की वजह से बकरियों में बीमारियां फैलने लगती हैं. अगर मानसून में कुछ जरूरी सावधानियां नहीं बरती गईं तो एक चूक भारी नुकसान में बदल सकती है.

1. अलग और साफ-सुथरा बाड़ा जरूरी

मानसून में बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए उनके लिए अलग और सुरक्षित बाड़ा बनाना बहुत जरूरी है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाड़ा थोड़ा ऊंचाई पर और सूखा होना चाहिए, ताकि बारिश का पानी अंदर न आए. क्योंकि, गीला फर्श बकरियों के पैरों में सड़न और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए बाड़े की रोज सफाई करें और फिनाइल या नीम के पानी का छिड़काव जरूर करें, ताकि कीड़े-मकोड़े और बैक्टीरिया दूर रहें.

2. धूप और ताजी हवा से मिलेगी बकरियों को ताकत

बरसात के दौरान जब भी थोड़ी धूप निकले तो बकरियों को कुछ समय के लिए बाहर चरने जरूर ले जाएं. इससे उन्हें ताजी हवा और धूप मिलेगी, जो उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होती है और शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ती है. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें गीली, कीचड़ भरी या गंदी जगहों पर न ले जाएं, वरना बीमारी का खतरा बढ़ सकता है.

3. बकरियों को समय पर बाड़े में रखें सुरक्षित

बरसात के मौसम में शाम के समय मच्छर, मक्खी और दूसरे कीड़े ज्यादा हो जाते हैं, जो बकरियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में दोपहर के बाद बकरियों को बाहर न रखें. उन्हें समय पर साफ-सुथरे बाड़े में ले आएं, ताकि वे कीड़ों के हमले से बच सकें और बीमार न हों. ध्यान रखें कि यह एक छोटी सी सावधानी, बड़ी बीमारी से बचा सकती है.

4. समय पर दें कृमि नाशक दवा

जब बकरियां चराई करती हैं तो कई बार घास के साथ काई या फफूंद भी खा लेती हैं. इससे उनके पेट में कीड़े हो सकते हैं, जिससे भूख कम हो जाती है और शरीर कमजोर होने लगता है. इस परेशानी से बचने के लिए हर 3-4 महीने में बकरियों को पेट साफ करने की कृमिनाशक दवा जरूर दें. इससे उनकी सेहत ठीक रहती है और भूख भी बनी रहती है. इसमें ध्यान देने की बात यह है कि दवा देने से पहले पशु चिकित्सक (Animal Doctor) की सलाह जरूर लें.

5. टीकाकरण और नीम की पत्तियां बेहद जरूरी

मानसून आने से पहले ही बकरियों का टीकाकरण जरूर कराएं, ताकि खुरपका-मुंहपका (Foot and Mouth Disease) जैसे रोगों से बचाव हो सके. साथ ही, बकरियों को हरे चारे के साथ नीम की पत्तियां भी खिलाएं. क्योंकि, नीम के पत्ते में रोगों से लड़ने की ताकत होती है, जिससे बकरियों की इम्युनिटी मजबूत होती है और वे मौसम बदलने पर भी स्वस्थ रहती हैं. यह एक आसान और असरदार तरीका है उन्हें बीमारियों से बचाने का.

6. चारा और पानी की सफाई का रखें ध्यान

बरसात में नमी के कारण चारा जल्दी सड़ जाता है, जिससे बकरियों की सेहत पर असर पड़ सकता है. इसलिए चारा, दाना और पानी हमेशा सूखी और साफ जगह पर रखें. ध्यान देने की बात यह है बकरियों को जिसमें खाना-पानी दिया जाता है, उन्हें रोज साफ करें और सभी चीजें ढककर रखें, ताकि कीड़े-मकोड़े न लगें और खाना सुरक्षित रहे. इससे बकरियां स्वस्थ रहेंगी और बीमार नहीं पड़ेंगी.