अगर आप बकरी पालन से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे जरूरी है बकरी के बच्चों की सही देखभाल. अक्सर लोग बकरी तो खरीद लेते हैं, लेकिन बच्चे जन्म लेने के बाद देखभाल में लापरवाही कर बैठते हैं, जिससे बच्चों की मौत हो जाती है और पूरी मेहनत बेकार चली जाती है. लेकिन अगर जन्म से 6 महीने तक कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चा नहीं मरेगा और आप हर साल अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
शुरूआती 2 महीनों तक रखें विशेष ध्यान
जन्म के तुरंत बाद बकरी का बच्चा पूरी तरह मा के दूध पर निर्भर रहता है. यही दूध उसकी सेहत और प्रतिरोधक क्षमता की नींव रखता है. पहले दो महीनों तक हर 2 से 3 घंटे पर दूध पिलाना चाहिए. ध्यान रखें कि दूध साफ बर्तन में और उचित तापमान पर पिलाया जाए. अगर मां का दूध न मिल पाए तो मार्केट में मिलने वाला बकरी के बच्चों के लिए बना दूध विकल्प हो सकता है, लेकिन पहले पशु चिकित्सक से सलाह जरूर लें.
2 से 4 महीनें तक ऐसे रखें ध्यान
इस समय बच्चा धीरे-धीरे ठोस भोजन लेना शुरू करता है. शुरुआत में उसे मुलायम हरी घास, साफ-सुथरा दाना और बकरी बच्चों के लिए बना विशेष चारा देना चाहिए. ध्यान दें कि चारा ताजा हो और उसमें नमी न हो, वरना बच्चा बीमार हो सकता है. क्योंकि ये दौर हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए बेहद अहम होता है. इसी समय विटामिन, खनिज और साफ पानी का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
4 महीने के बाद ऐसे बढ़ाएं बच्चों की ताकत
चार महीने के बाद बच्चा पूरी तरह खुद से खाना खाने लगता है. इस समय बकरी का बच्चा घास, दाना और पत्ते आदि खा सकता है. इतना ही नहीं वह तेजी से दौड़ने-भागने और खेलने लगता है, जिससे उसका शरीर मजबूत बनता है. इस समय उसे खुली जगह में चरने भेजा जा सकता है लेकिन उस पर निगरानी जरूरी है. साथ ही, समय-समय पर डीवॉर्मिंग (कीड़े मारने की दवा) और टीकाकरण भी जरूरी है.
अच्छे पालन से बेहतर कमाई
अगर पशुपालक ऊपर बताई गई तीनों चरणों की देखभाल सही ढंग से करें तो बच्चे की सेहत अच्छी बनी रहती है, वजन सही बढ़ता है और मौत की आशंका ना के बराबर होती है. यही बच्चे आगे चलकर दूध, ब्रीडिंग और बिक्री में बड़ा मुनाफा देते हैं.