सोलर लाइट ट्रैप से गन्ना फसल को कीटों से बचा रहे किसान, तकनीक आ रही काम

पीलीभीत में रहने वाले किसान डॉ हरमीत सिंह गन्ना की खेती करते हैं. गन्ने की फसल में कीटों का आक्रमण न हो इसलिए वे अपने खेत में सेंसर आधारित सोलर लाइट ट्रैप का इस्तेमाल कर रहे हैं. हरमीत सिंह की ये सोच स्मार्ट खेती की ओर एक अच्छा कदम है.

नोएडा | Updated On: 16 Jun, 2025 | 05:56 PM

कृषि क्षेत्र में गन्ने की फसल एक प्रमुख फसल है जिसकी खेती किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. लेकिन इसकी फसल में कीट लग जाने के कारण गन्ना खराब होने लगता है और पूरी फसल चौपट हो जाती है. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में रहने वाले गन्ना किसान डॉ हरमीत सिंह फसलों की सुरक्षा के लिए सेंसर से चलने वाली सोलर लाइट का इस्तेमाल करते हैं. इस लाइट की मदद से फसल को बिना किसी केमिकल के इस्तेमाल से ही सुरक्षित किया जा सकता है.

स्मार्ट खेती की अच्छी पहल

दरअसल, पीलीभीत में रहने वाले किसान डॉ हरमीत सिंह गन्ना की खेती करते हैं. गन्ने की फसल में कीटों का आक्रमण न हो इसलिए वे अपने खेत में सेंसर आधारित सोलर लाइट ट्रैप का इस्तेमाल कर रहे हैं. हरमीत सिंह की ये सोच स्मार्ट खेती की ओर एक अच्छा कदम है. ये लाइट सोलर पावर से चलती है लिहाजा किसानों को बिजली के लिए किसी भी तरह का खर्च नहीं करना पड़ता है. इस लाइट की खासियत है कि रात होते ही ये लाइट अपने आप एक्टिव हो जाती है और हानिकारक कीट इसमें आकर फंस जाते हैं.

गन्ना किसानों से ये विधि अपनाने की अपील

समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार पीलीभीत जिले के गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव किसान डॉ हरमीत सिंह के खेत पर गए जहां उन्होंने गन्ने के खेतों की निरीक्षण करते हुए हरमीत सिंह की इस पहल की सराहना की , साथ ही अन्य किसानों से भी इस विधि को अपनाने की अपील की. उन्होंने बताया कि किसान डॉ हरमीत सिंह ने ग्लोबल विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट में पी.एच.डी. की है और वर्तमान में बीसलपुर चीनीमिल इलाके में गन्ना की खेती कर रहे हैं.

सोलर लाइट ट्रैप की खासियत

सेंसर से चलने वाली सोलर लाइट ट्रैप की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे चलाने के लिए किसानों को बिजली का इंतजाम नहीं करना पड़ेगा. यह धूप में चार्ज होती है. इस मशीन से निकलने वाली विशेष रंग की लाइट कीटों को अपनी ओर आकर्षित करती है. इसकी एक खासियत ये भी है सूरज ढलने के बाद ये मशीन खुद से एक्टिव हो जाती है और सुबह सूरज निकलने पर बंद हो जाती है. इस मशीन में किसानों के किसी भी तरह की मेहनत नहीं करनी होती , मशीन के निचले हिस्से में पानी या साबुन का घोल भरा जाता है जिससे कीट मर जाते हैं.

Published: 16 Jun, 2025 | 05:19 PM