धान-कपास-मिर्च किसानों को नहीं मिल रहा MSP? नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग

उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन सरकार ने वाईएसआरसीपी शासन के दौरान बकाया 1,600 करोड़ रुपये और सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर 48 लाख टन धान का भुगतान किया.

नोएडा | Updated On: 5 May, 2025 | 05:38 PM

आंध्र प्रदेश में धान खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिए जाने के मामले में नेताओं के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. बीते दिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि चंद्रबाबू नायुडू सरकार किसानों की धान, गन्ना, कपास, मिर्च समेत आधा दर्जन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने में फेल रही है. इसकी वजह से किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. इस पर अब नायडू सरकार के नागरिक आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने प्रत्यारोप लगाते हुए कहा कि जगन मोहन सरकार ने किसानों की अनदेखी और खरीद प्रक्रिया ठीक से नहीं संभाला और घोटाले का आरोप लगाया है.

धान खरीद का भुगतान समय पर कर रहे – मंत्री मनोहर

आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू सरकार के नागरिक आपूर्ति मंत्री एन मनोहर ने रविवार को कहा कि टीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है. बकाया भुगतान कर रही है और राज्य भर में समय पर धान की खरीद की जा रही है. उन्होंने पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने, खरीद को ठीक से न संभालने और किसान कल्याण की आड़ में घोटाले करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति (वाईएस जगन मोहन रेड्डी) जिसने अपने पुलिवेंदुला निर्वाचन क्षेत्र में 20 किसानों की आत्महत्या को नजरअंदाज किया, वह किसानों के मुद्दों पर ईमानदारी से बात नहीं कर सकता.

11 हजार करोड़ रुपये धान किसानों को भुगतान

मनोहर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन सरकार ने वाईएसआरसीपी शासन के दौरान बकाया 1,600 करोड़ रुपये और सत्ता में आने के 10 महीने के भीतर 48 लाख टन धान का भुगतान किया. मनोहर ने आगे बताया कि 24 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है, जो अब तक 11,000 करोड़ रुपये है, जिससे किसानों को भरोसा मिलता है कि उन्हें बारिश से बर्बाद हुई फसलों के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. मिलर्स को 24 प्रतिशत तक नमी वाले धान को स्वीकार करने और बिना किसी देरी के पारदर्शी, किसान-हितैषी लेनदेन करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.

किसानों की दुर्दशा को अनदेखा किया जा रहा – जगन मोहन रेड्डी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने शनिवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में किसान टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने में विफल रही है. इसकी वजह से किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े आंदोलन के बावजूद मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके प्रशासन ने किसानों की दुर्दशा को अनदेखा किया है.

गन्ना-कपास समेत इन फसलों पर कम एमएसपी मिल रहा

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान कर्ज में डूब रहे हैं, उनकी लागत तक नहीं निकल रही है. उन्होंने कहा कि मिर्च, कपास, ज्वार, लाल चना, काला चना, हरा चना, मक्का, बाजरा, रागी, मूंगफली, टमाटर, केला, गन्ना और तंबाकू जैसी फसलों के दाम एमएसपी से बहुत कम मिल रहे हैं. उन्होंने किसानों को दाम नहीं देने का आरोप मौजूदा सरकार लगाया है.

मिर्च खरीद का वादा भी पूरा नहीं किया

उन्होंने कहा कि मिर्च किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) की ओर से 11,781 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद का वादा किया गया था, लेकिन एक भी रुपया खर्च नहीं किया गया और न ही एक भी क्विंटल खरीदा गया. उन्होंने कहा अगर इस सरकार ने हमारी नीतियों को जारी रखा होता, तो आज किसान पीड़ित नहीं होते. कहा कि धान, कोको और तंबाकू उगाने वाले किसान, जलीय कृषि किसानों के साथ-साथ विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य की 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है.

Published: 5 May, 2025 | 05:36 PM