गन्ना लंबे समय तक चलने वाली फसल है. देश में किसान गन्ने को नकदी फसल के रूप में देखते हैं. जिसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदी साबित होती है. ऐसे में जरूरी होता है कि किसान गन्ने को कीट और रोगों से बचाने के सारे इंतजाम रखें. क्योंकि गन्ना एक लंबे समय तक चलने वाली फसल है इसलिए इसमें कीट और रोग लगने का खतरा बना रहता है. जिसके कारण फसल बर्बाद होती है. गन्ने में लगने वाले खतरनाक कीटों में से एक कीट होता है काला चिकटा. उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल को काला चिटका से बचाने के लिए गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने बताए किसानों को उपाय बताए हैं.
क्या है गन्ने में लगने वाला काला चिटका
काला चिटका या ब्लैक बग एक रस चूसक कीट है. यह गन्ने की फसल पर ज्यादा तापमान में आम तौर पर अप्रैल से जून के बीच आक्रमण करता है. इस कीट के के कारण गन्ने की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और उनपर कत्थई रंग के धब्बे पाए जाते हैं. छोटे-बड़े दोनों ही कीट गन्ने की पत्तियों का रस चूसते हैं, जिसके कारण गन्ने की पैदावार पर असर पड़ता है. गन्ने की पैदावार रुकने लगती है और पत्तियों पर छेद होने लगते हैं.

Black bug in sugarcane crop
यूपी सरकार ने बताए बचाव के उपाय
सरकार ने गन्ने की फसल को काला चिटका से बचाने के लिए किसानों के लिए जरूर निर्दश जारी किए हैं , जिनमें बचाव के उपाय भी शामिल हैं. किसान फसल के बचाव के लिए कीट से प्रभावित हिस्से को गन्ना कटाई के बाद नष्ट कर दें. खेत की नियमित रूप से सिंचाई करें , ऐसा करने से गन्ने की फसल में काला चिटका का प्रभाव कम हो जाता है. अगर गन्ने की फसल ज्यादा संक्रमित हो रही है तो उसमें कुछ कीटनाशकों का इस्तेमाल करें जैसे- प्रोफेनोफॉस 40 प्तिशत, साइपरमेथ्रिन 4 प्रतिशत ई.सी. 750 मि.ली., इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत, एस. एल. दर 200 मि.ली. और क्वीनालफास 25 प्रतिशत ई.सी. दर 825 मि.ली. और क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 800 मि. ली. प्रति हेक्टेयर की दर से 625 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर फसल पर इस घोल का छिडकाव करें.
वैज्ञानिकों ने किया फसल निरीक्षण
दरअसल, उत्तर प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश के अलगृअलग इलाकों में गन्ने की फसल में कीट और रोग सं जुड़ी समस्याओं को निपटाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम ने गन्ने की फसलों का निरीक्षण किया. जिसके बाद गन्ने की फसलों में काला चिटका का संक्रमण देखा गया. इसी की रोकथाम के लिए सरकार ने तत्काल प्रभाव से किसानों के लिए फसल बचाव के जरूरी निर्देश जारि किए.