यूरिया-डीएपी का पक्का इंतजाम, खरीफ सीजन में दलहन-तिलहन का बढ़ेगा रकबा

सरकार ने खरीफ 2025 के लिए यूरिया-डीएपी की पर्याप्त व्यवस्था के साथ बीज, पानी और तकनीक पर फोकस किया है. वही्ं दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भरता और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की रणनीति पर भी तेजी से काम हो रहा है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 9 May, 2025 | 09:12 AM

नई दिल्ली में आयोजित खरीफ 2025 अभियान के तहत राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में किसानों के लिए दोहरी राहत की रणनीति सामने आई. एक तरफ जहां सरकार ने यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर दी है, वहीं दूसरी ओर दलहन और तिलहन के आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 33 राज्यों में क्लस्टर बन चुके हैं और लाखों किसानों को जोड़ने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. इस बार आईसीएआर की मदद से नई किस्मों के जलवायु-अनुकूल बीज खेतों तक पहुंचेंगे, जिससे चावल, मक्का और ज्वार जैसे प्रमुख खाद्यान्नों का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है. उधर, बीजों की उपलब्धता से लेकर वैज्ञानिकों की टीमों के जरिये खेत-खेत संवाद तक, सरकार ने हर पहलू पर विस्तार से रणनीति बना ली है.केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन नीतियों की जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि किसानों के लिए यह समय उम्मीद और बदलाव का है.

किसानों के लिए खाद स्टॉक कर रही सरकार

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दिल्ली स्थित पूसा कैंपस के अग्नि हॉल में मीडिया से बातचीत की. मौका था खरीफ 2025 के राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन का इस मौके पर उन्होंने खरीफ बुआई की तैयारियों, खाद-बीज की उपलब्धता और फसल उत्पादन की रणनीतियों पर विस्तार से बात की. इस बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि देश में किसानों के लिए यूरिया, डीएपी और एनपीके खाद की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. विदेशों में खाद की कीमतें बढ़ने के बावजूद किसानों को सरकार सब्सिडी के जरिये राहत दे रही है. इतना ही नहीं सरकार ने खाद का स्टॉक बनाना शुरू कर दिया गया है ताकि बुआई के वक्त किसानों को कोई संकट न हो.

1 करोड़ किसानों को जागरूक करेंगे वैज्ञानिक

खाद के अत्यधिक इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर सरकार सतर्क है. इसी दिशा में ‘प्राकृतिक कृषि मिशन’ के तहत किसानों को रासायनिक खेती से हटाकर प्राकृतिक खेती की ओर मोड़ने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि देश के 33 राज्यों से वार्षिक कार्ययोजना मिल चुकी है. अब तक 7.78 लाख हेक्टेयर भूमि पर 15,560 क्लस्टर, 10 हजार बायो रिसोर्स सेंटर और 16 प्राकृतिक खेती केंद्रों की पहचान की जा चुकी है. इस बदलाव को जमीन तक ले जाने के लिए 3,100 वैज्ञानिकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया है, ताकि वे 18 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती शुरू करने और 1 करोड़ किसानों को जागरूक करने में मदद कर सकें.

दलहन की खेती पर विशेष ध्यान

इसके साथ ही उन्होंने दलहन और तिलहन की आत्मनिर्भरता की बात की. कृषि मंत्री ने बताया कि गेहूं और चावल में भारत आत्मनिर्भर है, लेकिन दलहन और तिलहन के लिए अभी भी हमें आयात करना पड़ता है. इस चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘दलहन मिशन’ को जमीनी स्तर पर लागू करने की तैयारी हो रही है. इसी तरह, ऑयलसीड (तिलहन) उत्पादन बढ़ाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई.

खरीफ उत्पादन और क्षेत्रफल में जबरदस्त बढ़ोतरी

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि खरीफ 2024 में कुल खाद्यान्न उत्पादन में 6.81 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. सबसे ज़्यादा बढ़त चावल और मक्का में हुई है. चावल का रकबा 2023-24 के 40.73 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 43.42 मिलियन हेक्टेयर हो गया है और उत्पादन 113.26 से बढ़कर 120.68 मिलियन टन तक पहुंच गया. इस उपलब्धि का श्रेय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित जलवायु अनुकूल किस्मों और राज्यों की नीतियों को दिया गया.

जरूरत से ज्यादा बीजों का स्टॉक

कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन में 164.25 लाख क्विंटल बीज की जरूरत है, जबकि 178.48 लाख क्विंटल उपलब्ध हैं. सीड रिप्लेसमेंट रेट में भी सुधार हुआ है, जो फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में अहम है। इस बार सरकार ‘लैब टू लैंड’ की नीति के तहत वैज्ञानिकों की टीमें सीधे किसानों तक जाएंगी और नई तकनीक, किस्मों और जलवायु अनुकूल खेती की जानकारी देंगी.

सिंधु जल समझौता से उत्तरी राज्यों को राहत

बैठक में सिंधु जल समझौते का भी जिक्र हुआ. कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अब भारत को अधिक पानी मिलेगा, जिससे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के किसानों को सिंचाई, बिजली और खेती में बड़ा फायदा होगा.

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Published: 9 May, 2025 | 08:00 AM

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