सिंधु नदी के पानी से बदलेगी खेती की तस्वीर, किसानों के लिए योजना बना रहा कृषि मंत्रालय

कृषि मंत्री ने कहा कि 1960 में सिंधु जल संधि की ऐतिहासिक गलती हुई थी, भारत की नदियों का पानी पाकिस्तान जा रहा था. सरकार ने संधि को रद्द कर दिया है. अब सिंधु नदी के पानी की एक-एक बूंद का बेहतर उपयोग हम अपने किसानों के लिए कर सकेंगे.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 8 May, 2025 | 03:02 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन खरीफ अभियान 2025 का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि सिंधु नदी के पानी की एक-एक बूंद का बेहतर उपयोग हम अपने किसानों के लिए कर सकें, इसके लिए योजना बनाएंगे. बता दें कि सिंधु नदी संधि के तहत भारत से निकलने वाली 6 नदियों का पानी पाकिस्तान इस्तेमाल करता है. इस संधि को केंद्र सरकार रद्द कर दिया है, जिसके बाद नदियों के पानी के इस्तेमाल से खेती की तस्वीर बदलने की तैयारी की जा रही है.

किसान को समद्ध बनाने में जान लगाने का आह्वान

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन खरीफ अभियान 2025 में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी कृषि और किसानों में अनंत संभावनाएं हैं. किसान समृद्ध हो, उत्पादन बढ़े और देश सशक्त बनें, इसके लिए पूरी जान लगा दो. किसानों को Educate करने और उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए साल में दो बार यात्राएं करेंगे. उन्होंने कहा कि 29 मई से लेकर 13 जून तक हमारे कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग पूरा का अमला किसानों के बीच जाएगा.

सिंधु के पानी के लिए लॉन्ग टर्म प्लान

उन्होंने कहा कि 1960 में ऐतिहासिक गलती हुई थी, सिंधु जल संधि के तहत हमारे देश से बहने वाली नदियों का पानी पाकिस्तान को जा रहा था. पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है. भारत सरकार शॉर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए ऐसी प्लानिंग करेगी कि हम सिंधु नदी के पानी की एक-एक बूंद का बेहतर उपयोग हम अपने किसानों के लिए कर सकेंगे. इसके लिए योजना बनाएंगे. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल समेत अन्य राज्यों के किसानों को पानी मिल सकेगा.

धान की नई किस्मों से उत्पादन बढ़ेगा

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि को आधुनिक विज्ञान और परंपरागत ज्ञान के साथ जोड़कर हम उस भविष्य की नींव रख रहे हैं, जहां किसान आत्मनिर्भर हों, गांव समृद्ध हों और भारत शक्तिशाली बने. भारत आज दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गया है. उन्होंने कहा कि अभी-अभी हमने धान की 2 नई किस्में जारी की हैं, जिसमें 20% से 30% उत्पादन बढ़ेगा, फसल 20 दिन पहले पक कर तैयार हो जाएगी. इससे पानी बचेगा, समय कम लगेगा, उत्पादन बढ़ेगा तथा दूसरी फसल के लिए भी किसान को और समय मिल जाएगा.

उन्होंने विज्ञान को कृषि से जोड़ने, उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और किसानों को उनकी मेहनत का उचित लाभ दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया. कृषि मंत्री ने खरीफ फसलों, उन्नत तकनीकों, नई किस्मों, सरकारी योजनाओं और प्राकृतिक खेती के प्रसार से जुड़े विषयों पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मिलकर हम किसानों की समृद्धि और कृषि क्षेत्र की प्रगति की दिशा में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे.

किसानों को बेस्ट बीज देने पर जोर- कृषि सचिव

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन खरीफ अभियान 2025 के दौरान कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा तिलहन उत्पादन बढ़ाने, राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के क्रियान्वयन तथा खरीफ फसलों के बेहतर उत्पादन और किसानों के समग्र कल्याण पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कृषि क्षेत्र में सतत विकास और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.

नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना जरूरी – एमएल जाट

राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन खरीफ अभियान 2025 के तहत सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, आईसीएआर डॉ. मंगी लाल जाट ने कहा कि किसानों के हित में वैज्ञानिक प्रयासों और भारतीय कृषि में जलवायु लचीलापन को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने चावल उत्पादन बढ़ाने के लिए विकसित नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के महत्व को रेखांकित किया, जिससे उत्पादन क्षमता और किसानों की आय में सतत वृद्धि सुनिश्चित हो सके.

12 जून तक 1.5 करोड़ किसानों से संवाद करेंगे वैज्ञानिक – राजबीर सिंह

आईसीएआर कृषि विस्तार, उप महानिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन – खरीफ अभियान 2025 में बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से विकसित कृषि संकल्प अभियान की शुरुआत 29 मई से 12 जून 2025 के दौरान की जा रही है. इस अभियान के अंतर्गत 1 से 1.5 करोड़ किसानों के साथ आईसीएआर के वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ तथा कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभागों के अधिकारी सीधा संवाद करेंगे.

किसानों को खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों के लिए आधुनिक तकनीकों, सरकारी योजनाओं तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल चयन व संतुलित उर्वरक उपयोग के लिए जागरूक और शिक्षित किया जाएगा. साथ ही, किसानों से फीडबैक लेकर उनके नवाचारों को समझने और अनुसंधान की दिशा तय करने पर बल दिया जाएगा.

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Published: 8 May, 2025 | 02:54 PM

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