आज के समय में किसानों के बीच औषधीय फसलों की खेती करने का ट्रेंड काफी तेज हो गया है. बाजार में औषधीय फसलों से बनी दवाइयों और उत्पादों की भारी मांग होने के कारण किसानों को इन फसलों की खेती से अच्छा मुनाफा होता है. ऐसी ही एक औषधीय फसल है तुसली. जिसकी खेती में किसानों को ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता है और उत्पादन भी ज्यादा होता है. आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में तुलसी का इस्तेमाह होता है, जिसके कारण किसान अब बड़े पैमाने पर तुलसी की खेती कर रहे हैं. बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में तुलसी का होना शुभ माना जाता है और यह वातावरण को शुद्ध करने में भी मदद करती है.
सही मिट्टी का चुनाव है जरूरी
तुलसी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली हल्की दोमट मिट्टी बेस्ट होती है जिसका pH मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए. बता दें कि, तुलसी की खेती के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सही माना जाता है. पौधों की रोपाई से पहले जरूर है कि खेती की गहरी जुताई कर ली जाए ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके और मिट्टी में मौजूद खरपतवार नष्ट हो सकें. किसानों के लिए सलाह है कि वे रोटावेटर का इस्तेमाल कर खेती की 2 से 3 बार जुताई करें. इसके बाद मिट्टी में 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं . अगर किसान जैविक तरीके से खेती कर रहे हैं तो मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट, नीम खली या फिर हरी खाद का इस्तेमाल करें.
बीज बुवाई और सिंचाई का सही समय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तुलसी के बीजों की बुवाई का सही समय मॉनसून सीजन की शुरुआत यानी जून से जुलाई या फिर फरवरी से मार्च के बीच होता है. खेत में बीजों की रोपाई से पहले नर्सरी में बीजों की बुवाई कर देनी चाहिए. बुवाई से 4 से 5 सप्ताह बाद नर्सरी से पौधों को निकालकर खेत में उनकी रोपाई करनी चाहिए. बता दें कि, प्रति हेक्टेयर तुलसी की खेती करने के लिए 250 से 400 ग्राम बीज की जरूरत होती है. तुलसी की फसल की ग्रोथ के लिए जरूरी है कि पौधों को सही समय पर पानी दिया जाए. किसानों को सलाह दी जाती है कि तुलसी के पौधों की रोपाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए. इसके बाद जरूरत पड़ने पर हर 7 से 10 दिन में सिंचाई करें. ध्यान रखने वाली बात है कि खेत में जलभराव न होने दें , क्योंकि ऐसे में फसल जड़ से सड़ सकती है.
खेती में लागत और मुनाफा
तुलसी की खेती में किसानों को लगभग 30 से 35 हजार रुपये की लागत आती है. बाजार में भारी मांग होने के कारण किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिलती है. जिसके चलते किसानों को प्रति हेक्टेयर फसल से औसतन करीब 1.6 लाख से 1.75 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा हो सकता है. बात करें तुलसी से होने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 10 से 20 टन की पैदावार मिल सकती है. खास बात ये है कि इसकी एक फसल से किसान 3 से 4 बार कटाई कर सकते हैं.