90 फीसदी से ज्यादा खरीफ बुआई पूरी, धान से मक्का तक- कौन बना नंबर वन?

कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में खरीफ की 90 फीसदी से अधिक बुआई पूरी हो चुकी है. कुल मिलाकर करीब 1,097 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 4 फीसदी ज्यादा है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 Aug, 2025 | 07:58 AM

इस बार खरीफ सीजन किसानों के लिए उम्मीदों से भरा हुआ दिख रहा है. जून के मध्य से ही देशभर में मानसून ने अच्छी रफ्तार पकड़ ली, जिससे खेतों में बुआई का काम समय से शुरू हो गया. लगातार अच्छी बारिश ने न केवल मिट्टी को तर कर दिया, बल्कि किसानों के हौसले भी बढ़ा दिए. यही वजह है कि कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब तक देश में खरीफ की 90 फीसदी से अधिक बुआई पूरी हो चुकी है. कुल मिलाकर करीब 1,097 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 4 फीसदी ज्यादा है.

उत्पादन की संभावना

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम सामान्य रहा तो इस बार उत्पादन भी ठीक-ठाक रहेगा. हालांकि, कुछ राज्यों से फसल को नुकसान की खबरें भी मिली हैं. सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर सितंबर में कटाई से पहले बहुत ज्यादा बारिश हो गई, तो खड़ी फसलों में रोग लगने और पैदावार घटने का खतरा बढ़ सकता है.

किस फसल की सबसे ज्यादा बुआई?

धान खरीफ सीजन की सबसे अहम फसल है और इस बार इसका क्षेत्रफल पिछले साल से 12.1 फीसदी ज्यादा होकर 364.8 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है. यानी इस बार धान ने खरीफ बुआई में बाजी मार ली है.

दालों की बात करें तो कुल क्षेत्र मामूली बढ़कर 106.68 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसमें उड़द की बुआई 1.2 फीसदी बढ़ी है, मूंग में 2.7 फीसदी की बढ़त रही, लेकिन अरहर का क्षेत्रफल 4.7 फीसदी घट गया है.

मोटे अनाज (Coarse Cereals) में भी इस बार अच्छा रुझान दिखा है. कुल बुआई क्षेत्र 4.5 फीसदी बढ़ा है और इसमें मक्का ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है—91.89 लाख हेक्टेयर में बोई गई मक्का की फसल 10.5 फीसदी की बढ़त पर है. ज्वार, बाजरा और रागी में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

जहां कमी देखने को मिली

तिलहनों की बुआई में इस बार गिरावट आई है. कुल क्षेत्रफल 3.7 फीसदी घटकर 175.61 लाख हेक्टेयर रह गया है. इसमें सोयाबीन 3.8 फीसदी और मूंगफली 4.1 फीसदी कम हुई है. सूरजमुखी में भी मामूली कमी आई है. कपास की बुआई भी 3.2 फीसदी घटकर 106.96 लाख हेक्टेयर रह गई है.
गन्ना और जूट की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है.

बारिश का असर

इस बार 1 जून से 11 अगस्त के बीच पूरे देश में औसत से 6 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.

उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी) में बारिश सामान्य से 16 फीसदी ज्यादा रही.

मध्य भारत (ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात) में औसत से 4 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई.

पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी रही, यहां औसत से 17 फीसदी कम पानी गिरा.

कुल मिलाकर, खरीफ सीजन इस बार जोरदार शुरुआत कर चुका है. धान और मक्का की बुआई में रिकॉर्ड बढ़त ने किसानों का मनोबल बढ़ाया है. अगर अगले एक महीने में मौसम सामान्य रहा तो देश भर के बाजारों में अनाज, दाल और मक्का की अच्छी आवक देखने को मिलेगी, जिससे खाद्य सुरक्षा और किसानों की आमदनी दोनों को मजबूती मिलेगी.

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