सियार-लोमड़ी और मधुमक्खी के हमले से मौत पर 4 लाख मुआवजा, यूपी सरकार की घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार ने सियार, लोमड़ी और मधुमक्खी के हमलों से होने वाली मौतों को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल कर मुआवजा देने का फैसला किया है.

नोएडा | Updated On: 30 May, 2025 | 02:01 PM

अब अगर किसी की जान सियार या लोमड़ी के काटने से चली जाती है, या मधुमक्खियों के डंक मारने से मौत हो जाती है तो वह महज ‘हादसा’ नहीं कहलाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे मामलों को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल कर लिया है. इसके तहत पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये तक की राहत राशि दी जाएगी. यह फैसला राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने की.

अब जानवरों के हमले भी ‘आपदा’

राज्य सरकार की नई नीति के तहत अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खी के हमले से होने वाली मौतों को ‘आपदा’ माना जाएगा. पहले यह मुआवज़ा केवल बाघ, तेंदुआ, हाथी या मगरमच्छ जैसे बड़े जानवरों के हमले पर ही दिया जाता था. लेकिन अब छोटे लेकिन जानलेवा जीवों के हमलों को भी गंभीर माना गया है. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि ग्रामीण और वन क्षेत्रों में ऐसे हमले आम हैं. ऐसे में पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद जरूरी है.

मौत पर 4 लाख रुपये तय

मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक में साफ किया गया कि इस श्रेणी में आने वाली मौतों पर 4 लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, यदि व्यक्ति घायल होता है तो भारत सरकार की आपदा राहत गाइडलाइंस के तहत भी सहायता दी जाएगी. अब तक यह मुआवजा केवल प्राकृतिक आपदाओं या बड़े वन्यजीवों के हमले पर ही मिलता था.

गिरती इमारतें भी बनीं आपदा

इस बैठक में इमारत गिरने से हुई मौतों को भी ‘राज्य आपदा’ में शामिल कर लिया गया है. यानी किसी भवन के ढहने या गिरने से अगर कोई जान जाती है तो अब उसे भी मुआवजे के दायरे में रखा जाएगा. शहरी इलाकों में इस फैसले का असर ज्यादा देखने को मिलेगा, जहां निर्माण कार्यों की लापरवाही से अक्सर हादसे होते हैं.

 11 तरह की आपदाएं पर मिलेगा मुआवजा

अब तक प्रदेश में 11 प्रकार की आपदाएं राज्य आपदा के रूप में घोषित हैं. इनमें बेमौसम बारिश (अतिवृष्टि), आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान, लू प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, जंगली जानवरों के हमले, पानी (कुएं, नदी, झील, तालाब, पोखर, नाला, गड्ढा, जलप्रपात) में डूबकर मौत और सांड़-नीलगाय के हमले शामिल हैं.  इसके अलावा सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले में किसी व्यक्ति की मौत होने पर आश्रितों को चार लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा.

Published: 30 May, 2025 | 02:01 PM