भारत में सुपारी का सेवन धार्मिक, सामाजिक और पारंपरिक आयोजनों का अहम हिस्सा रहा है. लेकिन अब यह सिर्फ घरेलू उपज तक सीमित नहीं रहा. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में अब विदेशी सुपारी की एंट्री तेजी से बढ़ रही है, और खासकर बांग्लादेश से आने वाली सुपारी ने सबको चौंका दिया है. साल 2024-25 में बांग्लादेश से भारत को सुपारी का निर्यात चार गुना बढ़ गया है, जिससे घरेलू किसानों और व्यापारियों की चिंता भी बढ़ने लगी है. लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़े इस बदलते ट्रेंड की गवाही दे रहे हैं.
बांग्लादेशी सुपारी का आयात चार गुना बढ़ा
बिजनेस लाइन की खबर के अनुसार, भारत में विदेशी सुपारी की आमद तेजी से बढ़ रही है और इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम है बांग्लादेश. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने बांग्लादेश से करीब 53.06 मिलियन डॉलर यानी लगभग 440 करोड़ रुपये की सुपारी आयात की है. ये आंकड़े पिछले साल की तुलना में करीब चार गुना ज्यादा हैं, जब आयात महज 13.29 मिलियन डॉलर के आसपास था. इस तेजी से बढ़ते आयात ने घरेलू सुपारी कारोबारियों और किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है.
9 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी हुई हिस्सेदारी
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में दिए गए जवाब में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने जानकारी दी कि भारत की कुल सुपारी आयात में बांग्लादेश की हिस्सेदारी अब 37 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि 2023-24 में यह मात्र 9 फीसदी थी. यह एक बड़ी छलांग है, जिससे बांग्लादेश भारत के सुपारी व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है.
म्यांमार से भी बढ़ा आयात, लंका और इंडोनेशिया से गिरावट
म्यांमार से भारत में आने वाली सुपारी की वैल्यू भी बढ़ी है. 2023-24 में 15.61 मिलियन डॉलर की सुपारी म्यांमार से मंगाई गई थी, जो 2024-25 में बढ़कर 33.20 मिलियन डॉलर हो गई. वहीं दूसरी ओर श्रीलंका और इंडोनेशिया से आयात में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
श्रीलंका से आयात
69.87 मिलियन डॉलर (2023-24) से घटकर 35.97 मिलियन डॉलर (2024-25)
इंडोनेशिया से आयात
43.14 मिलियन डॉलर (2023-24) से घटकर 15.36 मिलियन डॉलर(2024-25)
भारत का कुल सुपारी आयात
2021-22: 90.18 मिलियन डॉलर
2022-23: 258.19 मिलियन डॉलर
2023-24: 147.99 मिलियन डॉलर
2024-25: 143.45 मिलियन डॉलर
इन आंकड़ों से साफ है कि भारत में सुपारी की मांग बनी हुई है, लेकिन आयात के स्रोत बदल रहे हैं. श्रीलंका और इंडोनेशिया की हिस्सेदारी घटने के साथ बांग्लादेश और म्यांमार तेजी से उभरकर सामने आ रहे हैं.
किसान और घरेलू उद्योग पर असर
देश के घरेलू सुपारी किसानों और व्यापारियों को इससे चिंता हो रही है. कर्नाटक, केरल, असम जैसे राज्यों में सुपारी की खेती होती है और आयात में बढ़ोत्तरी का सीधा असर स्थानीय बाजार और दामों पर पड़ता है.