वैज्ञानिकों ने तैयार की जीरे की देसी किस्म, 22 फीसदी ज्यादा होगी पैदावार.. रोग लगने का भी डर नहीं

केंद्र सरकार की केंद्रीय किस्म विमोचन समिति से ‘जोधपुर जीरा-1’को रिलीज करने की मंजूरी मिल गई है. अब जल्द ही इसके बीच की बिक्री भी शुरू हो जाएगी. ऐसे में किसान इसकी खेती कर पाएंगे.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 8 Sep, 2025 | 12:23 PM

जीरे की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. राजस्थान के कृषि वैज्ञानिकों ने जीरे की एक ऐसी किस्म विकसित की है, जिससे मौजूदा किस्मों को मुकाबले 22 फीसदी से अधिक पैदावार होगी. इससे देश में जीरे के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. वहीं, राजस्थान सरकार को उम्मीद है कि इस नई किस्म के मार्केट में आने से पैदावार में बढ़ोतरी के साथ-साथ किसानों की कमाई में भी इजाफा होगा. खास बात यह है कि वैज्ञानिकों ने इस किस्म का नाम ‘जोधपुर जीरा-1’रखा है. इस किस्म को कई सालों की कड़ी मेहनत और शोध के बाद तैयार किया गया है.

जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय ने ‘जोधपुर जीरा-1’ को विकसित किया है. यह पूरी तरह से जीरे की स्वदेशी किस्म हैं. यानी राजस्थान के किसान अब अपनी धरती पर तैयार जीरे की इस किस्म खेती करेंगे. बड़ी बात यह है कि इस किस्म को केंद्र सरकार से आधिकारिक मंजूरी भी मिल गई है. यानी अब किसान इसकी खेती भी कर सकते हैं. ऐसे जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय ने करीब 7 साल की कड़ी मेहनत के बाद ‘जोधपुर जीरा-1’ को तैयार किया है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘जोधपुर जीरा-1’ किस्म मौजूदा किस्मों के मुकाबले 22.7 फीसदी ज्यादा उपज देती है.

इन रोगों का नहीं होगा असर

इस किस्म में रोगों से लड़ने की क्षमता भी अधिक है. इसके ऊपर उकठा और कालिया जैसी बीमारियों का भी असर नहीं होगा. यानी किसानों को इन दोनों रोगों से फसल को बचाव के लिए कीटनाशक पर होने वाले खर्च से भी राहत मिलेगी और पैदावार की बर्बादी भी नहीं होगी. दरअसल, राजस्थान में कठा और कालिया रोग से जीरे की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचते हैं. कई बार तो पूरी फसल भी इनकी चपेट में आने से चौपट हो जाती है. ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन ‘जोधपुर जीरा-1’ किस्म की खेती करने से किसानों को अब फसल बर्बादी का डर नहीं रहेगा.

किसानों की तेजी से बढ़ेगी कमाई

जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की केंद्रीय किस्म विमोचन समिति ने ‘जोधपुर जीरा-1’को 4 अप्रैल 2025 को रिलीज करने की मंजूरी दी. इसके बाद इस महीने यानी 1 सितंबर को गजट अधिसूचना जारी कर इसे रजिस्टर किया गया. अब कृषि विभाग बीज प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का नोटिफिकेशन जारी करेगा. इसके बाद मार्केट में इसके बीज की बिक्री शुरू हो जाएगी. यानी फिर किसान इस किस्म की बुवाई कर सकेंगे. राजस्थान सरकार का कहना है कि इस कदम से कृषि क्षेत्र को फायदा मिलेगा. साथ ही किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा. वहीं, एक्सपर्ट का मानना है कि इस किस्म की खेती से किसानों की इनकम बढ़ोतरी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. ऐसे में जीरा निर्यात भी बढ़ेगा. ऐसे साल 2024 में करीब 5000 करोड़ रुपये का जीरे के निर्यात हुआ था.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 8 Sep, 2025 | 12:18 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?