आज के समय में किसान अपनी फसलों की बेहतर ग्रोथ के लिए कई तरह के केमिकल खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं. बाजार में इनकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है, लेकिन आज बाजार में नकली केमिकल खाद-उर्वरक या कीटनाशकों की आवक बहुत ज्यादा हो गई है. किसान असली और नकली में फर्क नहीं कर पाते और अकसर अपनी फसलों पर नकली केमिकल्स का इस्तेमाल कर बैठते हैं, जिसके कारण न केवल उनकी फसल चौपट होती है बल्कि किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसानों को इस समस्या से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने केमिकल खाद-उर्वरक खरीदने से पहले कुछ सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं.
कीटों और रोगों की सही पहचान
किसी भी तरह के केमिकल कीटनाशक को खरीदने से पहले जरूरी है कि वे अपनी फसल में लगे कीटों और रोगों की सही से पहचान कर लें. अगर किसान खुद से पहचान करने में असमर्थ हैं तो किसी कृषि वैज्ञानिक की सलाह लें. कीटों और रोगों की सही पहचान कर लेने के बाद संक्रमण के अनुसार ही कीटनाशकों को खरीदें. किसानों को ये भी सलाह दी जाती है कि वे फसलों पर कीटनाशकों का इस्तेमाल तभी करें जब प्रभाव बहुत ज्यादा हो.
सरकारी या पंजीकृत विक्रेता से ही खरीदें
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, किसानों से ये अपील की जाती है, उन्हें ये सलाह दी जाती है कि वे कोई भी खाद-उर्वरक या कीटनाशक सरकारी गोदाम या पंजीकृत कीटनाशक विक्रेताओं से ही खरीदें. इन विक्रताओं के पास उपलब्ध खाद मानकों के अनुसार होती है. साथ ही इससे ये भी सुनिश्चित होता है कि किसान को शुद्ध और असरदार कीटनाशक ही मिल रहा है. पंजीकृत दुकानों से खाद-उर्वरक खरीदने पर किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर सरकार की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाती है.
एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें
किसानों के लिए बहुत जरूरी है कि वे फसलों पर इस्तेमाल करने वाले केमिकल को खरीदने से पहले पैकेट पर बैच नंबर, उत्पादन की तारीख और एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें. ऐसा करना इसलिए जरूरी है क्योंकि एक्सपायर होने के बाद इन खाद-उर्वरक या कीटनाशकों का असर कम हो जाता है. साथ ही कुछ एक्सपायर्ड केमिकल्स ऐसे भी होते हैं जो और ज्यादा जहरीले हो जाते हैं . इसके अलावा इन एक्सपायर्ड केमिकल्स का इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद ही हानिकारक हो सकता है. स्प्रे करते समय सांस और त्वचा के जरिए शरीर में जाकर नुकसान कर सकते हैं.