भारत में किसान धान की खेती बड़े पैमाने पर करत हैं. बाजार में भी चावल की मांग हर समय बनी रहती है जिसके कारण किसानों को उनकी उपज की अच्छी कीमत मिलती है. आज के समय में किसान खेती में नई और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर फसल की क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं. धान की खेती सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकी है श्रीविधि तकनीक. बता दें कि, झारखंड के साहिबगंज जिले के किसाम श्रीविधि तकनीक से धान की खेती कर न केवल अच्छी पैदावार कर रहे हैं बल्कि अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. इसमें किसानों को कृषि विभाग से पूरा सहयोग मिल रहा है.
किसानों को मिल रहा अच्छा मुनाफा
झारखंड के साहिबगंज जिले के राजमहल प्रखंड के प्रगतिशील किसान कार्तिक डांगा समेत आसपास के दर्जनों गांव के किसान अब श्रीविधि तकनीक से धान की खेती कर रहे हैं. इस विधि के इस्तेमाल से धान की खेती करने पर किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है. किसानों को इस तकनीक से खेती करने के लिए कृषि विभाग और एग्री क्लीनिक के अधिकारी लगातार किसानों की मदद कर रहे हैं, साथ ही उन्हें मार्गदर्शन भी दे रहे हैं.
एग्री क्लीनिक के को-ऑर्डिनेटर निकेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले इन किसानों को श्रीविधि तकनीक से धान की खेती की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद धान की खेती की शुरुआत के बाद समय-समय पर किसानों को खेती से जुड़ी सारी जानकारी दी गई जिसके बाद किसान आज धान की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
क्या है श्रीविधि तकनीक
समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार, श्री विधि का पूरा नाम है – सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन (System of Rice Intensification). इस विधि को मेडागास्कर विधि भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी शुरुआत वहीं से हुई थी. ये खेती करने की खास तकनीक है जिसमें किसान कम लागत में ज्यादा पैदावार ले सकते हैं. इस तकनीक की खासियत है कि इसकी मदद से धान की रोपाई खास तरीके से की जाती है. इस विधि से खेती करने पर प्रति हेक्टेयर खेत के लिए केवल धान के 5 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है. साथ ही, इस विधि से खेती करने पर खरपतवार, कीट और रोगों का असर भी कम होता है. जिससे किसानों पर निराई-गुड़ाई और दवाओं पर आने वाली खर्च भी घट जाता है.
धान एमटीयू 7029 से अच्छे उत्पादन की उम्मीद
साहिबगंज के जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद इक्का ने बताया कि इस बार किसानों ने धान की उन्नत किस्म एमटीयू 7029 (Paddy MTU- 7029) की खेती श्रीविधि तकनीक से की है. उन्होंने बताया किसानों को पूरी उम्मीद है कि उन्हें इस किस्म से अच्छी पैदावार मिलेगी. श्रीविधि जैसी तकनीक के इस्तेमाल से किसानों को कम लागत में ज्यादा उत्पादन मिलने के साथ ही उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है. इस तरह न केवल किसानों का विकास हो रहा है बल्कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र का भी विस्तार हो रहा है.