एग्री क्लीनिक और ARYA जैसी योजनाएं बना रही हैं युवाओं को एग्री एंटरप्रेन्योर

भारत सरकार ने किसानों और युवाओं को खेती से जुड़ी एंटरप्रेन्योरशिप के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. इन योजनाओं में नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना प्रबंधन शामिल हैं.

Kisan India
Noida | Updated On: 16 Mar, 2025 | 10:47 AM

भारत में कृषि सिर्फ आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र भी बनता जा रहा है. बदलते समय के साथ सरकार भी किसानों और युवाओं को खेती से जुड़ी एंटरप्रेन्योरशिप के लिए प्रोत्साहित कर रही है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) ने कई ऐसी योजनाएं शुरू की हैं जो किसानों, कृषि स्टार्टअप्स और युवाओं को वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और ट्रेनिंग प्रदान कर रही हैं. ये योजनाएं कृषि क्षेत्र को आर्थिक रूप से और मजबूत बना रही हैं.

नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम

सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत “इनोवेशन एंड एग्री-एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम” 2018-19 में शुरू किया था. इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार (इनोवेशन) और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है. यह कार्यक्रम नए कृषि स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता और इनक्यूबेशन सेवाएं प्रदान करता है, जिससे वे अपने विचारों को एक सफल व्यापार में बदल सकें.

इस कार्यक्रम के तहत सरकार ने 5 नॉलेज पार्टनर्स (KPs) और 24 RKVY एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर्स (R-ABIs) नियुक्त किए हैं, जो नए स्टार्टअप्स को ट्रेनिंग, नेटवर्किंग और बिजनेस सेटअप में मदद करते हैं.

सरकार कई स्तरों पर स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता देती है:

4 लाख रुपये – कृषि क्षेत्र में इनोवेटिव आइडिया रखने वाले छात्रों को.

5 लाख रुपये – आइडिया या प्री-सीड स्टेज वाले स्टार्टअप्स को.

25 लाख रुपये – उन स्टार्टअप्स को जो सीड स्टेज तक पहुंच चुके हैं.

2019 से 2024 के बीच इस योजना के तहत 4,800 से अधिक कृषि स्टार्टअप्स को ट्रेनिंग दी गई और 1,708 स्टार्टअप्स को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की गई. इनमें 448 महिलाएं भी शामिल थीं, जो इस योजना की समावेशिता को दर्शाता है

कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र योजना (AC&ABC)

कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र (AC&ABC) योजना की शुरुआत 2002 में हुई थी. इसे राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (MANAGE) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा चलाया जाता है. इस योजना के तहत 18 से 60 वर्ष तक के कृषि और संबंधित विषयों में डिग्री धारकों को 45 दिनों की मुफ्त रेजिडेंशियल ट्रेनिंग दी जाती है.

ट्रेनिंग के बाद प्रतिभागियों को फाइनेंस, लोन और क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा भी दी जाती है. सब्सिडी की राशि इस प्रकार है:

-44 प्रतिशत सब्सिडी – महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) के उम्मीदवारों और उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रतिभागियों को.

– 36 प्रतिशत सब्सिडी – सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को.

2024 तक इस योजना के तहत 90,540 से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी गई, जिनमें से 40,285 ने अपने कृषि व्यवसाय शुरू किए. यह योजना कृषि क्षेत्र में सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

 युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ARYA परियोजना

अट्रैक्टिंग एंड रिटेनिंग यूथ इन एग्रीकल्चर (ARYA) परियोजना का उद्देश्य युवाओं को कृषि में आकर्षित करना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है. इस योजना के तहत देशभर के 100 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) में युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है और कृषि आधारित बिजनेस शुरू करने में मदद की जाती है.

2023-24 के दौरान इस योजना के अंतर्गत 4,036 कृषि-आधारित उद्यम स्थापित किए गए, जिससे 6,000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिला. ये उद्यम मशरूम उत्पादन, बागवानी, मछली पालन, पोल्ट्री और वर्मीकम्पोस्टिंग जैसे क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं. इसके अलावा, KVKs ने 815 ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए, जिससे लगभग 20,000 युवाओं को प्रशिक्षण मिला.

यह परियोजना खासकर ग्रामीण युवाओं के लिए फायदेमंद साबित हो रही है. जिससे वह कृषि क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं और आत्मनिर्भर बन सकते हैं.

सरकार ने कृषि क्षेत्र में प्रोफेशनल मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए MANAGE, ICAR-NAARM और स्टेट एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटीज के साथ मिलकर मैनेजमेंट कोर्स शुरू किए हैं. ये कोर्स कृषि स्नातकों को एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट में कुशल बनाने के लिए बनाए गए हैं.

MANAGE द्वारा संचालित प्रमुख कोर्सेज

एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन मैनेजमेंट (PGDAEM)

दो वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्री-बिजनेस मैनेजमेंट (PGDM-ABM)

इसी तरह, ICAR-NAARM द्वारा 2009 से PGDM-ABM का दो वर्षीय फुल-टाइम प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इसके अलावा, 24 कृषि एवं संबद्ध विज्ञान विश्वविद्यालयों में मास्टर डिग्री (M.Sc. Agri-Business Management) और 8 विश्वविद्यालयों में Ph.D. कार्यक्रम उपलब्ध हैं. इन कोर्सेज का मकसद नए कृषि-तकनीकी प्रबंधकों (Agri-Techno Managers) को तैयार करना है, जो नवाचार और विकास को आगे बढ़ा सकें.

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Published: 16 Mar, 2025 | 10:00 AM

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