सीतापुर के बागों से विदेशों तक… अकील मियां के आमों की कहानी, जिसने गांव को बनाया ग्लोबल

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के छोटे से गांव औरंगाबाद में आम की खुशबू अब खाड़ी देशों तक पहुंच रही है. किसान अकील अहमद ने अपनी विरासत को मेहनत और दूरदर्शिता से करोड़ों के कारोबार में बदल दिया, जिससे गांव और प्रदेश को ग्लोबल पहचान मिली है.

नोएडा | Updated On: 3 Jun, 2025 | 05:48 PM
1 / 6सीतापुर के बागों से विदेशों तक… अकील मियां के आमों की कहानी, जिसने गांव को बनाया ग्लोबल

औरंगाबाद गांव के अकील अहमद के आम अब खाड़ी देशों तक पहुंचते हैं, जो कभी सिर्फ दिल्ली और पंजाब की मंडियों में बिकते थे.

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अकील के पिता ने 1940 में मलिहाबाद से आकर आम की खेती शुरू की थी, जिसे अब अकील ने करोड़ों के कारोबार में बदल दिया है.

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अब अकील को बाजार नहीं जाना पड़ता, देश-विदेश के व्यापारी खुद गांव आकर आम खरीदते हैं और सौदा फाइनल करते हैं.

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100 एकड़ में फैले आम के बाग, जिनकी खुशबू और मिठास दूर-दराज के बाजारों को भी खींच लाती है.

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'एक जनपद, एक उत्पाद' योजना के तहत सीतापुर के आम को पहचान मिली.

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किसान अकील अहमद ने अपने बाप-दादा की आम की खेती को ऐसा रूप दिया कि अब उनके बागों का स्वाद खाड़ी देशों तक पहुंच रहा है.

Published: 3 Jun, 2025 | 05:48 PM