Agriculture News: केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्रामीण रोजगार, पंचायतों के अधिकार और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर विपक्ष, खासकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाई गई विकसित भारत- जी राम जी योजना से ग्रामीण भारत और मजदूरों के अधिकार पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं. शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस के समय मनरेगा भ्रष्टाचार में फंसी थी, जबकि मौजूदा सरकार पारदर्शिता के साथ नई योजना लागू कर रही है, ताकि मजदूरों को सीधा लाभ मिले. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक है. कांग्रेस के पास न तो सही नीयत थी और न ही ठोस नीति. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए गांधी जी का नाम जोड़ा, समय-समय पर मनरेगा का बजट घटाया और मजदूरी भी रोकी, जबकि आज वही पार्टी मजदूरों की चिंता दिखा रही है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार ने मांग-आधारित रोजगार को कमजोर नहीं, बल्कि और मजबूत किया है. वीबी- जी राम जी अधिनियम के तहत अब ग्रामीण परिवारों को 100 की जगह 125 दिन का वैधानिक रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि काम मांगने पर सरकार की जिम्मेदारी होगी कि तय समय में रोजगार दे. अगर समय पर काम नहीं मिलता तो बेरोजगारी भत्ता मिलेगा और मजदूरी में देरी होने पर अतिरिक्त भुगतान का भी प्रावधान किया गया है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विपक्ष यह कहकर लोगों को गुमराह कर रहा है कि रोजगार सुरक्षा कम की जा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि नई व्यवस्था में मजदूरों के अधिकार और मजबूत हुए हैं. 125 दिन की रोजगार गारंटी, बेरोजगारी भत्ता और मजदूरी में देरी पर अतिरिक्त भुगतान जैसे प्रावधान मजदूरों को पहले से ज्यादा सुरक्षा देते हैं.
कांग्रेस का शोर सिर्फ राजनीतिक है। कांग्रेस के पास न नीयत थी, न नीति। यह वही कांग्रेस है जिसने चुनावी फ़ायदे के लिए महात्मा गांधी जी का नाम जोड़ा। यह वही कांग्रेस है, जिसने समय-समय पर मनरेगा का बजट कम किया। यह वही कांग्रेस है, जिसने मजदूरी फ्रीज की। आज कांग्रेसी घड़ियाली आंसू बहा…
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 27, 2025
गांव की जरूरतों के हिसाब से काम तय होंगे
उन्होंने ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के अधिकारों पर उठ रहे सवालों को निराधार बताया. शिवराज सिंह ने कहा कि वीबी- जी राम जी अधिनियम में ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की भूमिका योजना बनाने, काम को मंजूरी देने, निगरानी और सामाजिक अंकेक्षण में और मजबूत की गई है. गांव की जरूरतों के हिसाब से काम तय होंगे और उनकी गुणवत्ता व प्रगति की निगरानी भी स्थानीय स्तर पर होगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खर्च, भुगतान और काम की गुणवत्ता की सोशल ऑडिट ग्राम सभा में अनिवार्य होगी, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे. उन्होंने बताया कि महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण समुदाय की भागीदारी बढ़ाई गई है. शिकायत निवारण और डिजिटल निगरानी को मजबूत किया गया है. उन्होंने साफ कहा कि फैसले ऊपर से नहीं थोपे जाएंगे, बल्कि गांव और ग्राम सभा से ही लिए जाएंगे, जिससे स्थानीय संस्थाएं ज्यादा मजबूत और जिम्मेदार बनेंगी.
सरकार मजदूरों को खैरात नहीं, बल्कि सम्मान दे रही है
मजदूरों के अधिकारों पर बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार मजदूरों को खैरात नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और स्थायी रोजगार देना चाहती है. वीबी-जी राम जी अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मजदूरों को अपने ही गांव में समय पर काम मिले, सुरक्षित माहौल में सम्मानजनक मजदूरी मिले और भुगतान पारदर्शी व समय पर हो. उन्होंने कहा कि गांवों का समग्र विकास, आय बढ़ाने वाले काम और टिकाऊ परिसंपत्तियों का निर्माण ही इस योजना का मुख्य लक्ष्य है.