हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आम जनता की भलाई के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को बहुत बड़ी सौगात दी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट ने फैसला लिया कि घरेलू कामकाज करने वाली महिलाओं को अब ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ में शामिल किया जाएगा. इस योजना के तहत, जो महिलाएं कम से कम 100 दिन घरेलू सहायिका के रूप में काम कर चुकी हैं और उनकी 21 साल या उससे अधिक उम्र की बेटियां है तो अब हर महीने 1,500 रुपये की सहायता राशि पाने की हकदार होंगी. राज्य सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को काफी मदद मिलेगी.
साथ ही कैबिनेट ने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. अब प्राकृतिक रूप से उगा गए गेहूं का MSP 40 रुपये से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलो और मक्के का 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलो कर दिया गया है. इसके अलावा, कच्ची हल्दी के लिए 90 रुपये प्रति किलो और जौ के लिए 60 रुपये प्रति किलो MSP तय किया गया है. साथ ही, पांगी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है.
बिजली-पानी बिल को लेकर राहत
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में लगातार दूसरे दिन हुई कैबिनेट बैठक में नई होमस्टे पॉलिसी को भी मंजूरी दी गई. इसमें ग्रामीण इलाकों के होमस्टे मालिकों को टैक्स और बिजली-पानी के बिलों में बढ़ोतरी के खिलाफ राहत दी गई है. खासतौर पर चंबा जिले के पांगी उपमंडल में होमस्टे रजिस्ट्रेशन फीस को मानक दर के 50 फीसदी पर तय किया गया है. साथ ही कैबिनेट ने फैसला लिया है कि हाल ही में बनी 14 नई नगर पंचायतों के निवासियों को अगले तीन साल तक पानी के बिल में राहत दी जाएगी. इन क्षेत्रों में ग्रामीण दरों पर पानी के बिल वसूले जाएंगे.
लाभार्थियों को इतनी होनी चाहिए उम्र
दरअसल, हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना’ शुरू की है. इस योजना के तहत घरेलू कामकाज करने वाली महिलाओं को हर महीने आर्थिक मदद दी जाती है, ताकि उनके परिवार, संस्कृति और घर की अर्थव्यवस्था में दिए गए योगदान को सम्मान मिल सके. इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला की उम्र 18 से 59 साल के बीच होनी चाहिए. आवेदक हिमाचल प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए. योजना के तहत लाभार्थियों को हर महीने 1500 रुपये मिलते हैं.