अगस्त में अनाज नहीं करें इस पेड़ की खेती, होगी बंपर कमाई

आमतौर पर शीशम के पेड़ों की उम्र 25 से 35 साल की होती है. लेकिन 10 से 12 साल में ही पेड़ के तने की गोलाई 75 सेंटीमीटर और 30 साल तक 135 से 140 सेंटीमीटर के आसपास हो जाती है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 9 Aug, 2025 | 10:16 PM

बात जब भी लकड़ी के सामान या फर्नीचर की होती है तो शीशम की लकड़ी को बेस्ट ऑप्शन माना जाता है. फर्नीचर मार्केट में शीशम की लकड़ी की काफी डिमांड रहती है. इस कारण से किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं और किसानों के लिए ये फायदे का सौदा साबित होती है. शीशम की लकड़ी का इस्तेमाल दरवाजे, खिड़की के फ्रेम, बिजली के बोर्ड, रेलगाड़ी के डब्बे आदि बनाने में भी की जाती है. इसके अलावा शीशम की पत्तियों का इस्तेमाल पशुओं के चारे के रूप में भी किया जाता है. इसलिए इसकी खेती से किसानों को दोहरा मुनाफा होता है. अगस्त के महीने में शीशम की खेती करने वाले किसान अच्छी पैदावार के साथ अच्छी कमाई भी कर सकते हैं.

ऐसे करें खेत की तैयारी

शीशम की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी बेस्ट होती है जिसका pH मान 5 से 7.7 के बीच होना चाहिए. शीशम की खेती के लिए 500 से 4500 मिलीमीटर बारिश वाले इलाके सही माने जाते हैं. शीशम की खेती करने से पहले बेहद जरूरी है कि किसान खेत की 3 से 4 बार अच्छे से गहरी जुताई कर लें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खरपतवार नष्ट हो जाएं. इसके बाद खेत को समतल कर लें, ताकि खेत में जलभराव न हो. खेती से पहले किसानों को ध्यान रखना होगा कि इसकी खेती तालाब के पास या जहां पानी हो वहां नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसी जगहों में पेड़ फफूंद से होने वाली बीमारियों का संकट होता है..

इस विधि से करें बीज बुवाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक एकड़ खेत में शीशम की खेती करने के लिए किसानों को 70 ग्राम बीज की जरूरत होती है , जिनकी बुवाई से पहले जरूरी है कि किसान उनका अच्छे से उपचार कर लें. बीजों के उपचार के लिए उन्हें 12 से 24 घंटे के लिए पानी में भींगो दें. उपचारित बीजों को पॉलिथीन बैग में (1 बैग में 2-3 बिग) उगाया जाता है. बुवाई के करीब 7 से 14 दिनों में बीजों का अंकुरण शुरू हो जाता है. नर्सरी में जब पौधा 10 से 20 सेमी का हो जाए तब उन्हें खेतों में रोप दें. बता दें कि पौधों की रोपाई के तुरंत बाद ही पहली सिंचाई करें. उसके बाद जरुरत के अनुसार समय-समय पर पौधों को पानी दें. जहां पानी की कमी है ऐसे इलाकों में हर 10 से 15 जिन में फसल की सिंचाई करें.

शीशम की खेती से लाभ

आमतौर पर शीशम के पेड़ों की उम्र 25 से 35 साल की होती है. लेकिन 10 से 12 साल में ही पेड़ के तने की गोलाई 75 सेंटीमीटर और 30 साल तक 135 से 140 सेंटीमीटर के आसपास हो जाती है. बाजार में इसकी लकड़ी को अच्छी कीमत पर बेचा सकता है. शीशम की खेती से किसानों को लंबे समय तक मुनाफा मिलता है. इसकी प्रति एकड़ खेती से किसानऔसतन 15 से 20 सालों में करीब 4 करोड़ तक शुद्ध कमाई कर सकते हैं.

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