बारिश ने बर्बाद की खरबूजे की फसल, अब 5 लाख का कर्जा कैसे भरेंगे किसान राम रत्न

शाहजहांपुर के खरबूजा किसान राम रत्न कर्ज लेकर खेती कर रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और सस्ते दामों के कारण उनकी लागत भी वापस होना मुश्किल हो गया है. वे किसानों को उचित दाम मिलने की उम्मीद में हैं, ताकि वे कर्ज चुका सकें.

मोहित शुक्ला
लखनऊ | Updated On: 8 May, 2025 | 01:02 PM

उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के पुवायां गांव की दोमट मिट्टी में जो खरबूजा कभी मीठे स्वाद के लिए जाना जाता था, वही अब इसकी खेती करने वाले किसान राम रत्न की आंखों में कड़वाहट बनकर उतर आया है. पांच एकड़ खेत लिया, डेढ़ लाख की लागत लगाई और आसमान पर भरोसा रखा. लेकिन बारिश ने खेतों को डुबो दिया, फंगस ने पौधों की शाखाओं को चट कर लिया, जिसे बचाने के लिए किसान राम रत्न ने पूरी मेहनत लगा दी थी. आज वही खरबूजा, जिसकी कीमत कभी अच्छे दामों में बिकती थी, अब तीन से पांच रुपये किलो में बिक रहा है. किसान के लिए हालत इतनी खराब हो गई है कि मंडी तक का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा. बीस साल से इस खेत में खून-पसीना बहाने वाला किसान अब टूट चुका है. आंखों में उम्मीद का सूरज तो बुझ चुका है, लेकिन दर्द की लहरें अब भी दिल में तड़प रही हैं.

‘किसान इंडिया’  से बात करते हुये किसान राम रत्न ने बताया कि वो पिछले बीस साल से ठेके पर जमीन लेकर खरबूजे की खेती कर रहे हैं. लेकिन ऐसी प्रकृति की मार कभी नहीं झेलनी पड़ी.  उन्होंने बताया कि 55 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पांच एकड़ जमीन ठेके पर ली थी. वहीं, कुल लागत करीब डेढ़ लाख रुपये आई है. फसल का उत्पादन शुरू हुआ तो सपनों पर पानी फिर गया.

लागत निकालना मुश्किल

शाहजहांपुर में पिछले सप्ताह बारिश होने के चलते खेत में नमी अधिक हो गई,  इस लिए खरबूजे के खेत में फंगस बहुत तेजी से लग रही है.  जिसके चलते फल बहुत तेजी से सड़ रहे हैं, वहीं पौधे पर गलन रोग बढ़ रहा है, अभी महज 30 प्रतिशत ही तुड़ाई हो पाई थी बाकी सत्तर प्रतिशत फसल अभी खेत में हैं. ऐसे में मौसम की मार से बहुत नुकसान हो रहा है. मुनाफा तो दूर की बात लागत वापस हो जाये तो भगवान का लाख लाख शुक्र है.

muskmelon cultivation

Shahjahanpur Farmers Ram Ratna

पांच लाख रुपये कर्ज लेकर बिटिया की शादी की

किसान राम रत्न बताते हैं कि पिछले साल साहूकारों से पांच लाख रुपये कर्ज लेकर बिटिया के हांथ पीले कर दिये थे, सोचा था इस साल फसल अच्छी है तो मुनाफा भी अच्छा होगा लेकिन समय से पहले आए मानसून ने सब खेल बिगाड़ दिया. कर्ज चुकना तो बड़ी बात है, अब ब्याज तक देने की हिम्मत नहीं बची.

तीन से पांच रुपये किलो मिल रहा खरबूजे का भाव

राम रत्न बताते हैं कि जब वह खेत से फसल निकालकर मंडी तक पहुंचाते हैं तो बिचौलिये उन्हें औने-पौने दामों में खरीदते हैं. पहली तुड़ाई पर राम रत्न को 21 हजार रुपये का घाटा हुआ था. खेत से मंडी तक का भाड़ा भी पूरा नहीं हो रहा है. राम रत्न की सबसे बड़ी शिकायत यही है कि किसानों को जो उचित मूल्य मिलना चाहिए, वह उन्हें नहीं मिल रहा है. बिचौलिये के दबाव में वह मजबूरी में फसल बेचते हैं.

नेपाल में भी जाते यहां के खरबूजे

पुवायां में खरबूजे की खेती पूरे क्षेत्र में मशहूर है. यहां लगभग तीन हजार एकड़ जमीन पर खरबूजा उगाया जाता है और यह नेपाल, बिहार, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में भेजा जाता है. पुवायां के खरबूजे की गुल्ला, मुस्कान सहित कई किस्मों की भारी मांग है, लेकिन किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा.

कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह

कृषि विज्ञान केंद्र कटिया सीतापुर के अध्यक्ष फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉक्टर दया शंकर श्रीवास्तव ने किसानों को सलाह दी है कि वह अपने खेतों की नियमित निगरानी करें और उचित जलनिकासी की व्यवस्था करें ताकि जल जमा न हो.  साथ ही रोगग्रस्त भाग को काटकर गढ्ढे में दबा दें और पाइराक्लोस्ट्राबिन + मेटीराम 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव करें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 8 May, 2025 | 01:01 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%