खाली खेत में लगाएं पिपरमिंट और 90 दिन में कमाएं 50 हजार रुपये, जानें पूरा प्रोसेस

गेहूं की कटाई के बाद खाली खेतों में किसान पिपरमिंट की खेती कर सिर्फ 90 दिन में दो बीघा से 50 हजार रुपये तक कमा सकते हैं. इस खेती में लागत कम है, तेल की कीमत ज्यादा है और फसल के बाद धान जैसी खरीफ फसलों की भी बुवाई की जा सकती है.

नोएडा | Updated On: 8 May, 2025 | 12:59 PM

उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में गेहूं की कटाई का काम अब पूरा हो चुका है. ऐसे में हजारों किसान इस वक्त सोच रहे हैं कि खरीफ की बुवाई तक खेतों का क्या किया जाए? इसी सवाल का जवाब लेकर आई है एक बेहतरीन खेती. जिसका नाम है पिपरमिंट, जिसे किसान गर्मियों के खाली दिनों में कर सकते हैं और केवल 90 दिन में 50 हजार रुपये दो बीघे से कमाई कर सकते हैं. ये खेती कम समय लेती है, खर्चा कम है और मुनाफा शानदार.

इतना होता है मुनाफा

किसानों के अनुसार, अगर पिपरमिंट की खेती एक बीघे में की जाए और फसल ठीक-ठाक हो, तो इससे 20 से 25 किलो तक तेल निकाला जा सकता है. इस तेल की कीमत बाजार में करीब 1000 से 1500 रुपये प्रति लीटर तक है. इसमें उत्पादन लागत भी ज्यादा नहीं है. प्रति लीटर तेल निकालने में करीब 450 से 550 रुपये का खर्च आता है. यानी अगर आप दो बीघे में खेती करते हैं और 1500 के हिसाब से बाजार में बेचते हैं तो लागत काटकर तीन महीने में करीब 50 हजार रुपये तक की आमदनी हो सकती है.

किस मिट्टी में करें खेती?

पिपरमिंट की खेती के लिए खास मिट्टी की जरूरत नहीं होती. ये फसल बलुई लाल मिट्टी और काली मिट्टी दोनों में उगाई जा सकती है. हालांकि काली मिट्टी में इसकी पैदावार बेहतर होती है. गर्मी के मौसम में हर दो दिन में सिंचाई जरूरी होती है, क्योंकि मिट्टी का सूखना फसल को नुकसान पहुंचा सकता है.

खेती की प्रक्रिया

पिपरमेंट की खेती शुरू करने से पहले खेत की गहरी जुताई करें और उसे समतल करें. इसके बाद गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाकर मिट्टी को तैयार किया जाता है. उसके बाद खेत को समतल करके पौधों की रोपाई की जाती है.

ऐसे तैयार करें बीज

पिपरमिंट के बीज भी किसान खुद तैयार कर सकते हैं. पिछले सीजन में काटे गए पौधों का नीचे का हिस्सा खेत में रह जाता है और वहीं से नए पौधे निकलते हैं. इन्हीं पौधों से अगले सीजन का बीज तैयार होता है, जिसे दोबारा रोपित किया जा सकता है. यानी हर साल नया बीज तैयार करना पड़ता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया किसान के नियंत्रण में होती है.

फसल के बाद अगली खेती भी संभव

पिपरमिंट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फसल 80 से 90 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है. इसके बाद किसान चाहें तो धान या दूसरी खरीफ फसल की भी तैयारी कर सकते हैं. इस तरह एक ही खेत में दो फसलें लेकर दोगुना फायदा कमाया जा सकता है.

Published: 8 May, 2025 | 08:30 AM